PM Kisan Update: बिहार में टैक्स देने वाले करीब 46 हजार लोग ले रहे किसान सम्मान निधि, कृषि विभाग ने वसूली के लिए जारी की सूची

पटना, BNM News: केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए शुरु की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Update News) में बिहार में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।  कृषि विभाग के कर्मियों की लापरवाही से 81 हजार 595 लोगों ने पात्रता नहीं रखने को बावजूद सम्मान निधि का लाभ ले लिया। इस मद में बैंकों के माध्यम से कुल 81.59 करोड़ रुपये का भुगतान भी हो गया है। भुगतान पाने वालों में आयकर देने वाले 45 हजार 879 किसान सम्मिलित हैं। अब कृषि विभाग ने बैंकों को राशि की वसूली करने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही अन्य कारणों से 35 हजार 716 लोगों को भी कृषि विभाग ने अयोग्य पाया है। इन सभी को बैंकों की ओर से 44.75 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इनसे भी राशि वसूली के लिए कृषि विभाग ने बैंकों का ध्यान आकृष्ट किया है। कृषि विभाग की ओर से आयकर भरने वाले के साथ ही अन्य कारणों से अयोग्य किसानों की सूची बैंकों को उपलब्ध कराई गई है। अहम यह है कि अभी तक करीब 10 करोड़ रुपये की वसूली भी हुई है।

अपात्र किसानों का खाता होगा होल्ड

कृषि निदेशक ने आयकर देने वाले और अयोग्य करार कर्मियों का बैंक खाता होल्ड करने का निर्देश दिया है। शासन की समीक्षा में यह बात भी सामने आई है कि अब तक उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक ने 93.78 लाख तथा दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक ने 42.46 लाख रुपये की वसूली की है। शेष बैंक इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। प्रकरण की गंभीरता को भांपते हुए कृषि निदेशक ने अब प्रति पखवाड़े प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया है।

72.39 लाख किसानों को मिली है 15वीं किस्त

बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 15 नवंबर को बिहार के 72,39,973 पात्र किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की राशि 15वीं किस्त के रूप में केंद्र सरकार की ओर से दी गई है। इसके अलावा आठ लाख ऐसे किसान भी हैं जिनका ई-केवाईसी नहीं कराने के 14वीं किस्त की राशि रुकी हुई थी। इस प्रकार बिहार के कुल 80,39,597 किसानों के खाते में राशि पहुंची है।

ई-केवाईसी कराना है जरूरी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले लाभार्थी किसानों के लिए ई-केवाईसी कराना भी सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। 15वीं किस्त भी उन्हीं किसानों को मिली, जिन्होंने ई-केवाईसी कराई है। जिन किसानों ने यह काम नहीं किया है वह वंचित हो गए हैं।

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