Swarved Mahamandir: पीएम मोदी ने वाराणसी के उमराहा में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन, जानें- खासियत
वाराणसी, BNM News: PM Modi Varanasi Visit Today: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर हैं और आज उनकी यात्रा का आज दूसरा और आखिरी दिन है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज सबसे पहले काशी में स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण किया, जो करीब 35 करोड़ की लागत से बना है। पीएम मोदी अपने दौरे के दूसरे दिन यानी सोमवार को सेवापुरी विकासखंड के बरकी ग्राम सभा में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इतना ही नहीं, पीएम मोदी वहां से काशी और पूर्वांचल को 19,155 करोड़ की 37 परियोजनाओं का उपहार भी देंगे। इनमें सड़क एवं सेतु, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, पुलिस कल्याण, स्मार्ट सिटी एवं नगर विकास परियोजनाएं, रेलवे, हवाई अड्डे सहित विभिन्न परियोजनाओं का वह लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
वह काशी विश्वनाथ धाम और काल भैरव मंदिर में भी जा सकते हैं और पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इसके अलावा, पीएम मोदी आर वाराणसी और नई दिल्ली के बीच एक और वंदे भारत ट्रेन की सौगात देंगे। दरअसल, पीएम मोदी की वाराणसी यात्रा के दूसरे दिन यह शहर कई उद्घाटनों का गवाह बनेगा। वह वाराणसी और नई दिल्ली के बीच दूसरी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. इतना ही नहीं, वह लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देते हुए ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के न्यू दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से न्यू भाऊपुर जंक्शन खंड का भी शुभारंभ करेंगे।
वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी में वन्दे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखायेंगे। गौरतलब है कि दिल्ली-वाराणसी पहला रूट है, जिसमें दो वन्देभारत ट्रेनें चलेंगी। पहली वन्दे भारत ट्रेन दिल्ली से वाराणसी चली थी। आज वाली ट्रेन वाराणसी टू दिल्ली रूट पर चलेगी।
स्वर्वेद महामंदिर की विशेषता
इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह भी है कि यहां भगवान की नहीं योग साधना की पूजा होती है। दीवारों पर अद्भुत नक्काशी की गई है। 2004 में इसका निर्माण शुरू किया गया था। पीएम मोदी फिलहाल इसके प्रथम चरण का शुभारंभ किया। पीएम मोदी इस मंदिर में 2021 में भी आए थे। उस दौरान ही उन्होंने इस मंदिर के लोकार्पण का निमंत्रण स्वीकार करते हुए यहां आने का वादा किया था। अब उस वादे को सोमवार को पूरा किया। स्वर्वेद महामंदिर के लोकार्पण के साथ ही संत सदाफल महाराज की 135 फीट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास भी पीएम मोदी कर सकते हैं।
मंदिर से पीएम मोदी भावनात्मक रूप से जुड़े हैं
इस मंदिर से पीएम मोदी भावनात्मक रूप से भी जुड़े हुए हैं। उनकी मां स्वर्गीय हीराबेन भी अंतिम समय तक स्वर्वेद धाम से जुड़ी रहीं। पीएम मोदी के भाई भी इससे जुड़े हुए हैं। पीएम मोदी यहां लगी संत सदाफल महाराज की 135 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी कर सकते हैं।
मदाफल महाराज के ग्रंथ का नाम स्वर्वेद
स्वर्वेद महामंदिर धाम के मीडिया प्रभारी इंदू प्रकाश ने इस मंदिर की विशेषता और स्वर्वेद के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि स्वर्वेद दो शब्दों से बना है। स्वः और वेद। स्वः का मतलब आत्मा और परमात्मा होता है। वेद का मतलब ज्ञान है। जिसके द्वारा आत्मा और परमात्मा का ज्ञान हो वह ही स्वर्वेद है। बताया कि हमारे विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज ने 17 वर्षों तक हिमालय में स्थित आश्रम में गहन साधना की थी। वहां से उन्हें जो ज्ञान प्राप्त हुआ उसे ही ग्रंथ के रूप में पिरो दिया गया। उसी ग्रंथ का नाम स्वर्वेद है।
दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे
मंदिर सभी तलों पर अंदर की दीवार पर लगभग चार हजार स्वर्वेद के दोहे लिखे हैं। बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं, ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें। रविवार से यहां विहंगम योग सन्त समाज का 100वां वार्षिकोत्सव शुरू हुआ है। गुलाबी लाल पत्थरों से बने इसके प्रथम चरण का पीएम मोदी लोकार्पण किया।
25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का बृहद् अयोजन
इस पावन अवसर पर 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का बृहद् अयोजन हो रहा है। इसमें लाखों साधक एवं साधिकाएं सभी के कल्याण की कामना के साथ वेदध्वनि के बीच आहुतियां देंगे। अभी तक लगभग 3000 कार्यकर्त्ता स्वयं सेवक महायज्ञ की सफलता के लिए मौजूद हैं। 200 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में इसे बनाया गया है। बताया कि सोमवार को स्वर्वेद महामन्दिर लोकार्पण का प्रथम चरण है। महामन्दिर परिसर में अभी बहुत कार्य किये जाने बाकि हैं। स्वर्वेद महामन्दिर ट्रस्ट के अन्तर्गत अनेकों लोकोपयोगी कार्य आगे प्रारम्भ होने वाले हैं।