प्रल्हाद जोशी ने बताई विपक्षी सांसदों की सच्चाई, कहा- निलंबित करने के लिए गिड़गिड़ा रहे थे
नई दिल्ली, BNM News: सांसदों के निलंबन को मुद्दा बनाने में विपक्ष जुटा है। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को करारा जवाब दिया है। उनका कहना है कि जिस निलंबन को कांग्रेस सहित विपक्षी दल मुद्दा बना रहे हैं, वह हकीकत में कोई मुद्दा ही नहीं है। सदन के अंदर व बाहर सभी ने देखा कि कांग्रेस सहित विपक्ष के दूसरे सांसद खुद को निलंबित करने के लिए किस तरह गिड़गिड़ा रहे थे। उन्होंने इसके लिए वे सारे कृत्य किए जो सदन की गरिमा और लोकतंत्र की मर्यादा के विरुद्ध थे। आसन पर उन्होंने पर्चे फाड़कर फेंके, आसन पर जाने की कोशिश, महासचिव की कुर्सी तक गए। आखिरकार सदन की गरिमा बचाने के लिए उन्हें निलंबित करना पड़ा।
निलंबित करने के लिए सभी प्रकार के जतन किए
केंद्रीय मंत्री जोशी और अर्जुन राम मेघवाल शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के कामकाज सहित विपक्ष के रवैये को लेकर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। जोशी ने बताया कि चार दिसंबर से शुरू हुआ संसद सत्र शांतिपूर्ण तरीके के चल रहा था। 13 दिसंबर को लोकसभा में कूदने की घटना के बाद भी करीब 40 मिनट तक दोनों सदन शांतिपूर्ण चल रहे थे, लेकिन अचानक कहीं से आए संदेश के बाद कांग्रेस सांसद और आइएनडीआइए में शामिल विपक्षी दल हंगामा करने लगे। सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचाने और व्यवस्था तोड़ने पर ही कुछ सांसदों को निलंबित किया गया। इसके बाद सरकार और किसी सांसद को निलंबित नहीं करना चाहती थी, लेकिन बाकी सांसद खुद ही निलंबित करने की मांग करने लगे। कांग्रेस इस स्तर तक गिर गई है। सभी विपक्षी सांसदों ने निलंबित करने के लिए सभी प्रकार के जतन किए।
हंगामा का कारण है तीन राज्यों में मिली हार की हताशा
एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि कांग्रेस का यह हंगामा तीन राज्यों में मिली हार की हताशा है। वैसे भी कांग्रेस के पास इन चुनावों के बाद कोई मुद्दा नहीं बचा था। संसद की सुरक्षा में चूक की घटना पर उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी पक्षों से पूछताछ चल रही है। पास बनाने वाले सांसद प्रताप सिम्हा से भी इस मुद्दे पर पूछताछ की गई है और उनका बयान दर्ज कर लिया गया है। सीआरपीएफ महानिदेशक पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। जैसे ही वह रिपोर्ट देंगे, सरकार उसे सभी के सामने रखेगी।
जानबूझकर बदला लेने की फिराक में थे वे
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामा करने के कारण दोनों सदनों के करीब 146 सांसदों को निलंबित किया गया। इस दौरान मेघवाल ने कहा कि स्पीकर संसद का संरक्षक होता है। स्पीकर बार-बार कह रहे हैं कि सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। वे स्पीकर की बात पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे हैं? विधानसभा चुनाव में हार के बाद वे जानबूझकर बदला लेने की फिराक में थे। वे अंदर ही अंदर योजना बना रहे थे और उन्हें मौका मिल गया। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा में सेंध की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है।
राहुल पर भी साधा निशाना
जोशी ने इस दौरान राहुल गांधी पर भी हमला बोला और कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किस तरह उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद का मजाक उड़ा रहे तृणमूल सांसद के उस कृत्य को आनंद के साथ देख रहे थे। साथ ही उसका वीडियो बना रहे थे। यह बताता है कि संवैधानिक संस्थानों के प्रति वह कितने जिम्मेदार हैं। जोशी ने कहा, ‘कांग्रेस सत्ता में होने पर जिम्मेदार नहीं होती और विपक्ष में होने पर सबसे ज्यादा गैरजिम्मेदार होती है।
19 विधेयक हुए पारित
जोशी ने यह भी कहा, अगर विपक्ष को लगता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित मसौदा कानूनों में कुछ भी गलत था तो वे तीनों नए आपराधिक कानूनों के विरुद्ध अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने बताया कि संसद के शीत सत्र में उक्त तीन आपराधिक कानूनों समेत 19 विधेयक पारित हुए।