Prayagraj News: उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया नैनी सेंट्रल जेल से रिहा, जानें- क्यों हुई समय पूर्व रिहाई

प्रयागराज, बीएनएम न्यूज: पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को गुरुवार को सुबह करीब 7:30 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। जवाहर पंडित हत्याकांड में जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे करवरिया को राज्यपाल ने समय पूर्व रिहा करने का आदेश जारी किया था।

राज्यपाल ने यह आदेश जिला प्रशासन की उस संस्तुति पर जारी किया था जिसमें जेल में करवरिया का आचरण अच्छा बताया गया था। इसके आधार पर उन्हें राहत देते हुए समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया गया।

बता दें कि जवाहर पंडित हत्याकांड में उदयभान करवरिया समेत उनके भाई कपिल मुनि करवरिया और सूरजभान करवरिया भी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। बृहस्पतिवार को सुबह जेल के गेट पर उनके परिजन रिहाई के लिए पहुंच गए थे कागजी कार्रवाई पूरा होने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

सिविल लाइंस में गरजी थी एके 47

जवाहर यादव उर्फ पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 को शहर के सिविल लाइंस इलाके में कर दी गई थी। उस वक्त शाम के करीब साढ़े छह बजे थे। जवाहर यादव अपनी मारुति 800 कार से लाउदर रोड स्थित कार्यालय से अशोक नगर अपने घर जा रहे थे। हमलावर एक मारुति वैन में सवार थे। सभी एके-47 और अन्य घातक असलहों से लैस थे।

जवाहर के भाई सुलाकी यादव ने करवरिया बंधुओं पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए सिविल लाइंस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। घटना की जांच शुरू में सिविल लाइंस पुलिस ने और उसके बाद सीबीसीआईडी की इलाहाबाद, लखनऊ और वाराणसी शाखा से कराई गई थी।

सीबीसीआईडी के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद हाईकोर्ट के स्थगनादेश के चलते मुकदमे की कार्रवाई पर काफी समय तक रोक लगी रही। 2015 में हाईकोर्ट का स्थगन आदेश समाप्त होने के बाद इस मुकदमे में सुनवाई प्रारंभ हुई। उसी समय करवरिया बंधुओं को सरेंडर कर जेल जाना पड़ा था।

विजमा यादव ने कहा- रिहाई के खिलाफ जाएंगे हाईकोर्ट

भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के आचरण को देखते हुए उनकी समय पूर्व रिहाई को प्रतापपुर से सपा विधायक विजमा यादव ने अनुचित बताया है। सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिनदहाड़े एके-47 से गोलियां बरसाकर उनके पति विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की हत्या की गई थी। उदयभान उसमें आरोपी हैं। इनका परिवार कई पीढ़ी से अपराध में लिप्त है। ऐसे व्यक्ति का जेल में आचरण कैसे अच्छा हो सकता है?

अशोकनगर स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 में भी उदयभान की सजा वापस ली थी, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। यह मामला अभी हाईकोर्ट में लंबित है। इसके बावजूद सरकार ने उन्हें रिहा कर दिया है। इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। वहां से मुझे न्याय की पूरी उम्मीद है।

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