Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात में युवाओं के लिए कही बड़ी बात

मथुरा, BNM News: पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) वृंदावन, मथुरा पहुंचे थे। इस दौरान श्री परमपूज्य प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच बौद्धिक और आध्यात्मिक चर्चा हुई। बातचीत के दौरान प्रेमानंद जी महाराज ने आज कीनई पीढ़ी के बारे में बहुत कुछ कहा।

कथा और भजन सुनने के लिए आते हैं लोग

ज्ञात हो कि प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) वृंदावन में राधारानी के भजन-कीर्तन करते हैं। साथ ही वह भजन, कीर्तन और कथाओं के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति का ज्ञान भी देते हैं। महाराज जी वर्तमान समय के प्रसिद्ध संत हैं। इनके कथा और भजन सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। उनके वीडियो अक्सर वायरल होते रहते हैं। इसी कड़ी में प्रेमानंद महाराज जी से मिलने आरएसएस संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पहुंचे।

मुलाकात के लिए पहुंचे मोहन भागवत
प्रेमानंद जी महाराज और मोहन भागवत का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट होने के बाद खूब चर्चा में है। मोहन भागवत ने महाराज को माला आदि पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया और दर्शन कर प्रसन्न और आनंदित हुए। साथ ही मोहन भागवत ने कहा कि आपकी बातें वीडियो में सुनी थी, जिससे लगा कि एक बार दर्शन कर लेना चाहिए। ‘चाह गई चिंता मिटी…मनवा बेपरवाह’ आप जैसे लोग कम देखने को मिलते हैं।

महाराज और भागवत के बीच क्या हुई चर्चा

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि हमारा जन्म केवल व्यावहारिकी और आध्यात्म सेवा के लिए हुआ है। ये दोनों ही सेवाएं अनिवार्य हैं। हम भारत के लोगों को परम सुखी करना चाहते हैं और इसे केवल वस्तु और सेवा से नहीं किया जा सकता बल्कि इसके लिए उनका बौद्धिक स्तर भी सुधरना चाहिए। आज समाज का बौद्धिक स्तर गिरता जा रहा है, जोकि चिंता का विषय है। हम लोगों को सुविधाएं या विविध प्रकार के भोग सामग्रियां दे देंगे लेकिन उनके हृदय की मलीनता है, हिंसात्मक प्रवृत्ति है, अपवित्र बुद्धि है। इसे जब तक ठीक नहीं किया जाएगा तब तक चीजें नहीं बदलेगी।

युवा पीढ़ी की नकारात्मक प्रवृत्ति देश के लिए ठीक नहीं
उन्होंने कहा कि हमारी जो नई पीढ़ी है, वह राष्ट्र की रक्षा करने वाली है। आज जो छात्र हैं, इन्हीं में कोई एमएलए बनेगा, कोई एमपी बनेगा, कोई प्रधानमंत्री बनेगा तो कोई राष्ट्रपति बनेगा। नई पीढ़ी में व्यभिचार, व्यसन और हिंसात्मक प्रवृत्ति को देख बहुत असंतोष होता है। हमारे जीवन का लक्ष्य यही है कि हम जितना भगवान राम और कृष्ण प्रिय हैं, उतना ही देश भी प्रिय है। लेकिन अब देश में जो मानसिकता उभर रही है, वह देश और धर्म दोनों के लिए सही नहीं है।

नहीं होना है निराश, करते रहेंगे कोशिश

आरएसस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मैंने तीन दिन पहले नोएडा में एक संबोधन के दौरान यही बातें रखी थीं। मैं आप लोगों से जो सुनता हूं, वही बोलता हूं और वही करता भी हूं। कोशिश तो हम हमेशा करेंगे लेकिन निराश कभी नहीं होंगे क्योंकि जीना इसी के साथ है और मरना इसी के साथ। लेकिन यह चिंता मन में आती है कि होगा क्या ?

क्या भगवान के भरोसे में कमी है

भागवत के इस प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि क्या हम श्रीकृष्ण पर भरोसा नहीं करते। क्या भगवान के भरोसे में कमी है। यदि भरोसा दृढ़ है तो सब परम मंगल होगा। सृजन, पालन और संहार भगवान की ये तीन प्रकार की लीलाएं हैं। जिस समय जैसा आदेश होगा, भगवान का हम वैसा ही करेंगे।

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