हरियाणा के 4 जिलों में प्राइमरी स्कूल बंद:ऑनलाइन पढ़ाई होगी, 10 और जिलों में छुट्टी के आसार

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण और धुंध के कारण राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए चार जिलों गुरुग्राम, रोहतक, सोनीपत और झज्जर में सभी प्राथमिक स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। इन जिलों में कक्षा 5वीं तक के विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि उनकी पढ़ाई ऑनलाइन जारी रहेगी। सरकार का यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि बढ़ते प्रदूषण के स्तर ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को और गंभीर बना दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में पहले ही कड़े कदम लागू
हरियाणा से पहले दिल्ली में भी प्रदूषण के कारण स्कूल बंद किए जा चुके हैं। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के तीसरे चरण को लागू किया गया है। एनसीआर में हरियाणा के 14 शहर शामिल हैं, जिन पर प्रदूषण नियंत्रण के उपाय प्रभावी रूप से लागू करने का दबाव है। इसे देखते हुए राज्य शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को यह अधिकार दिया है कि वे स्थानीय स्तर पर धुंध और प्रदूषण की स्थिति का मूल्यांकन करके स्कूलों में छुट्टी करने का निर्णय ले सकते हैं। अब इन चार जिलों के बाद, यह आशंका भी है कि आने वाले दिनों में दस और जिलों में स्कूल बंद किए जा सकते हैं। संभावित प्रभावित जिलों में फरीदाबाद, नूंह, रेवाड़ी, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल शामिल हैं।
घनी धुंध और तापमान में गिरावट
रविवार सुबह हरियाणा के कई इलाकों में घनी धुंध देखी गई, जिसके कारण विजिबिलिटी (दृश्यता) मात्र 30 मीटर रह गई। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद और जींद में घनी धुंध के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में तापमान में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। हिसार में रात का तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे कम है। दूसरी ओर, रोहतक में रात का तापमान 15.7 डिग्री रहा, जो अपेक्षाकृत अधिक है।
मौसम विभाग ने बताया कि इस साल नवंबर में पहली बार रात का तापमान सामान्य की श्रेणी में आया है। सामान्य तौर पर हरियाणा में घनी धुंध दिसंबर के मध्य में देखने को मिलती है, लेकिन इस बार यह एक महीने पहले ही आ गई है, जिससे स्थिति और चिंताजनक हो गई है।
हरियाणा के आठ सबसे प्रदूषित शहर
हरियाणा के आठ शहरों में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है। भिवानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 579 तक पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्तर है। इसके अलावा, बहादुरगढ़ का एक्यूआई 483, हिसार का 407, मुरथल का 349, जींद का 327, कैथल का 296, गुरुग्राम का 241, और कुरुक्षेत्र का 230 रिकॉर्ड किया गया। इन खतरनाक स्तरों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, पंचकूला में स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहां एक्यूआई सबसे कम 71 दर्ज किया गया।
स्मॉग की स्थिति क्यों बनी
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में 12 से 16 नवंबर तक स्मॉग की स्थिति बनी रही है। इसके पीछे मुख्य कारण दो पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव हैं, जिनके कारण हवाओं में परिवर्तन हुआ। उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाएं कमजोर हो गईं और पुरवाई हवाओं ने वातावरण में नमी बढ़ा दी। इससे धूल और अन्य प्रदूषक तत्व वातावरण के निचले हिस्से में जमा हो गए, जिससे स्मॉग बन गया। इसके साथ ही, दिन और रात के तापमान में गिरावट ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
आगे कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, हरियाणा में 21 नवंबर तक मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि, 17 नवंबर से उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं फिर से चलने की संभावना है, जिससे स्मॉग की स्थिति में सुधार आ सकता है और रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है। इसके अलावा, 22 नवंबर से एक और पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण मौसम में बदलाव हो सकता है। इस बदलाव से सर्द हवाएं चलने और तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है।
प्रदूषण नियंत्रण के उपाय
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। शनिवार को हुई एक अहम बैठक में ग्रैप के पहले, दूसरे और तीसरे चरण की समीक्षा की गई। आयोग ने राज्यों को चेतावनी दी है कि एप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाए। संबंधित विभागों को आदेश दिया गया है कि वे बिना प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र वाले वाहनों का चालान करें और एनसीआर में प्रतिबंधित वाहनों को जब्त करें। राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण के उपाय प्रभावी ढंग से लागू हों।
पहाड़ी इलाकों का असर
उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के चलते पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है। इसका असर पंजाब और हरियाणा के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। पंजाब और चंडीगढ़ में तापमान गिरने से ठंड बढ़ गई है। अमृतसर में हाल ही में हुई बारिश ने सर्दी में और इजाफा किया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रहेगा।
जनजीवन प्रभावित
हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण और धुंध के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सरकार और प्रशासन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं, लेकिन स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। आने वाले दिनों में, मौसम की स्थिति और प्रशासनिक कदम तय करेंगे कि प्रदूषण की समस्या को कितनी प्रभावी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि सभी लोग सावधानी बरतें और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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