पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पा और मसाज सेंटरों में वेश्यावृत्ति की बढ़ती घटनाओं पर लिया संज्ञान, दिया निर्देश

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में स्पा और मसाज सेंटरों में वेश्यावृत्ति से जुड़ी गंभीर समस्याओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। इस मुद्दे पर कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के भीतर इन सेंटरों के संचालन के लिए एक ठोस और व्यापक नीति तैयार करे। कोर्ट का मानना है कि इस नीति के माध्यम से मासूम महिलाओं का शोषण रोकने और सामाजिक हितों की रक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

याचिका की पृष्ठभूमि

यह निर्देश जालंधर में कुछ ब्यूटी पार्लर, मसाज और स्पा सेंटरों के संचालकों द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने पुलिस की ओर से उत्पीड़न और अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि पुलिस के असहयोगात्मक व्यवहार के कारण उनके व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

राज्य सरकार की स्थिति

हालांकि, राज्य सरकार ने अदालत में प्रस्तुत किए गए अपने तथ्यात्मक बयानों में यह स्पष्ट किया कि जालंधर में अनेक स्पा और मसाज सेंटरों की आड़ में वेश्यावृत्ति के रैकेट बरामद किए गए हैं। इस संबंध में कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जो मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति जैसे गंभीर अपराधों में शामिल पाए गए।

न्यायालय का अवलोकन

जज कुलदीप तिवारी ने इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केवल एक कमिश्नरेट की रिपोर्ट के आधार पर यह स्पष्ट है कि यह समस्या न केवल जालंधर में, बल्कि पूरे पंजाब राज्य में फैली हुई है। यह एक अलग-थलग घटना नहीं है, बल्कि इसे अन्य राज्यों में भी न्यायिक जांच के दायरे में लाया गया है। जस्टिस तिवारी ने चंडीगढ़ में इसी तरह के मामलों की चर्चा करते हुए एक समन्वयक पीठ द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लेख किया।

अन्य राज्यों में नीति निर्माण

अदालत ने संकेत दिया कि हरियाणा सरकार ने भी इस मुद्दे पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस प्रकार की नीति की आवश्यकता महसूस की जा रही है। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और सार्वजनिक व्यवस्था पर इसके व्यापक प्रभाव के मद्देनजर, हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को सख्त नीति तैयार करने का निर्देश दिया।

नई नीति का महत्व

इस निर्देश को गंभीरता से लेते हुए यह स्पष्ट हो जाता है कि एक ठोस नीति बनाना न केवल महिलाओं के शोषण को रोकने में मदद करेगा, बल्कि इससे समाज में सुरक्षा की भावना भी बढ़ाई जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि आवश्यक नीति तैयार करने की प्रक्रिया तीन महीने में पूरी की जाए और इसके अनुपालन की स्थिति की रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए।

महत्वपूर्ण कदम

 

स्पा और मसाज सेंटरों में वेश्यावृत्ति की बढ़ती घटनाओं पर उच्च न्यायालय का संज्ञान लेना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज में व्याप्त इस अव्यवस्था को भी समाप्त करने की दिशा में एक ठोस कदम होगा। उम्मीद है कि पंजाब सरकार इस निर्देश के अनुसार प्रभावी नीति बनाकर इसे लागू करेगी, जिससे समाज में सुधार हो सके।

यह मामला न केवल पंजाब और हरियाणा की न्यायिक प्रणाली के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह अन्य राज्यों के लिए भी एक संदेश है कि वे अपने संबंधित क्षेत्रों में ऐसे मामलों पर विचार करते हुए कठोर कदम उठाएं। एक ऐसा समाज जहां महिलाएं सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें, वही सही मायनों में एक आदर्श समाज होगा।

अदालत के निर्देशों को लागू करने के लिए समुचित प्रयास किए जाने चाहिए ताकि महिलाओं का शोषण रुक सके और मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके। सरकार और समाज दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न होने पाएं।

 

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