Punjab News: बरनाला के अक्षदीप सिंह पेरिस ओलिंपिक में 20 किमी पैदल चाल में पेश करेंगे कड़ी चुनौती, जानें उनके बारे में

बरनाला, बीएनएम न्यूज : Punjab News: पंजाबी हाकी के मैदान में छाए रहते हैं, लेकिन इस बार पेरिस ओलिंपिक में पैदल चाल प्रतियोगिता में बरनाला जिले के गांव काहनेके के अक्षदीप सिंह ने भी तिरंगा लहराने के लिए कड़ी मेहनत की है। फरवरी में ही ओलिंपिक का टिकट कटा चुके 25 वर्षीय अक्षदीप को अब सिर्फ अपनी प्रतियोगिता के दिन का इंतजार है, ताकि वह भारत की झोली में पदक डाल सके। खिलाड़ी के लिए खुराक सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए उनके पिता ने घर में भैंस भी पाली, ताकि बेटे को शुद्ध दूध के साथ मक्खन और लस्सी भी मिले।

कोच जसप्रीत सिंह जसू ने किया प्रेरित

22 नवंबर, 1999 को जन्मे अक्षदीप के पिता गुरजंट सिंह कंपनी में कार्यरत हैं, जबकि मां रूपिंदर कौर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है। उन्होंने बताया कि अक्षदीप जब स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रहा था तो उसकी रुचि दौड़ में हो गई। तब वह 1500 मीटर दौड़ में भाग लेता था। 2008 में अक्षदीप का किंग्ज कालेज में दाखिला हुआ और वहां कोच जसप्रीत सिंह जसू ने 20 किमी पैदल चाल दौड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। 19 वर्ष की आयु में बेहतर प्रशिक्षण लेने के लिए अक्षदीप पटियाला चला गया। फिर 2020 में अक्षदीप साई (स्पोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया बेंगलुरु) में गया और वहां तैयारी करने लगा।

पैदल चाल का राष्ट्रीय रिकार्ड

11 अगस्त, 2022 को वह भारतीय नौसेना में भर्ती हो गया। वहां भी अक्षदीप ने पैदल चाल की तैयारी जारी रखी और फरवरी में एक घंटा 19 मिनट 38 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण पदक जीता और ओलिंपिक का कोटा भी हासिल किया। अक्षदीप ने नाम पैदल चाल का राष्ट्रीय रिकार्ड भी है।

गुरजंट सिंह ने बताया कि बेटे की अच्छी तैयारी के लिए अब तक करीब 18 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। बेटे को अच्छी खुराक मिले, इसके लिए घर में भैंस भी पाली, ताकि उसे शुद्ध दूध, दही, मक्खन और लस्सी मिले। ढ़ाई एकड़ जमीन के मालिक गुरजंट ने बताया कि बेटा ओलिंपिक में जरूर पदक लेकर आएगा।

वहीं अक्षदीप ने फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में सफलता तभी मिलती है, जब अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। ओलिंपिक के लिए उन्होंने कड़ी तैयारी की है और उम्मीद है कि पदक भारत की झोली में जरूर आएगा। वहीं उन्होंने पंजाबी युवाओं से भी कहा कि अगर विदेश में जाकर भी कड़ी मेहनत ही करनी है, तो अपने प्रदेश में रहकर क्यों नहीं? सपने तभी पूरे होते हैं, जब कड़ी मेहनत करेंगे। अपने माता-पिता, भाई-बहन और परिवार के साथ रहें तथा कड़ी मेहनत कर पंजाब को रंगला बनाएं।

अंडर-18 में जीता था पहला पदक

अक्षदीप ने अंडर-18 नार्थ इंडिया चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीता था। तब वह प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहे थे और कांस्य पदक हासिल किया था। फिर अंडर-18 जूनियर नेशनल में रजत पदक जीता। 2017 में आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी रजत पदक हासिल किया। हालांकि 2019 में घुटने की चोट के कारण प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सके। इस वर्ष फरवरी में 20 किमी पैदल चाल में स्वर्ण पदक जीता।

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