Qatar Death Sentences: भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, कतर में नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को नहीं होगी फांसी

नई दिल्ली, BNM News। Qatar Death Sentences: कतर में नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को अब फांसी नहीं होगी। कतर की अदालत ने सभी की मौत की सजा रद कर दी है। ये पूर्व नौसेनिक न सिर्फ मौत के चंगुल से बाहर आ गए हैं बल्कि भविष्‍य में उनके भारत आने का रास्‍ता भी साफ हो गया है। पीएम मोदी ने इसी माह कतर के अमीर से मुलाकात की थी। भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।

2014 में भारत और कतर के बीच हुई थी संधि

दरअसल, भारत और कतर से बीच Repatriation of Prisoners Act, 2003 के तहत ऐसा होना संभव है। 2 दिसंबर 2014 में पीएम मोदी की कैबिनेट ने भारत और कतर के बीच सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण संधि को मंजूरी दी थी, जिसके बाद मार्च 2015 में दोनों देशों के बीच संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस संधि के बाद से कतर में सजा पाए भारतीय कैद अपनी बची सजा भारत में पूरी कर सकते हैं। अगर कतर का कोई नागरिक भारत में सजा भुगत रहा है तो वो अपने देश में उस सजा की अवधि को पूरा कर सकता है।

भारत में काटनी होगी बाकी की सजा?

2004 से पहले, ऐसा कोई घरेलू कानून नहीं था जिसके तहत विदेशी कैदियों को उनकी सजा की शेष अवधि काटने के लिए उनके मूल देश में स्थानांतरित किया जा सके, न ही किसी विदेशी अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के कैदियों को उनके मूल देश में स्थानांतरित करने का प्रावधान था।

भारत की किन देशों के साथ है ऐसी डील?

भारत सरकार ने अब तक फ्रांस, बांग्लादेश, ब्रिटेन, ब्राजील, कुवैत, श्रीलंका, मॉरीशस, सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, बुल्गारिया, कंबोडिया, मिस्र, दक्षिण कोरिया, मालदीव, थाईलैंड की सरकारों के साथ इसी प्रकार के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जबकि कई देशों के साथ वार्ता जारी है।

 

 

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