Amethi-Rae Bareli Lok Sabha Seat: कौन हैं केएल शर्मा? जिन्हें अमेठी से कांग्रेस ने बनाया उम्मीदवार, जानें- राहुल गांधी क्यों चुना रायबरेली

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया। इन दोनों सीटों पर नामांकन का आखिरी दिन आज यानी शुक्रवार को ही है। ऐसे में ऐन वक्त पर पार्टी ने तय किया है कि राहुल गांधी रायबरेली और किशोरी लाल शर्मा अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में होंगे। केएल शर्मा, सोनिया गांधी के प्रतिनिधि रह चुके हैं। इसी के साथ प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया। कांग्रेस ने शुक्रवार सुबह इसकी आधिकारिक घोषणा की।

पिछली बार अमेठी में हार गए थे राहुल

2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी में स्मृति ईरानी से हार गए थे, जबकि रायबरेली से सोनिया गांधी जीती थीं, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। वे अब राज्यसभा सदस्य हैं। राहुल गांधी अमेठी से पिछली बार चुनाव हारने के बाद इस बार कांग्रेस की परंपरागत सीट रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राहुल गांधी रायबरेली को अपने लिए सुरक्षित सीट मान रहे हैं। इसके अलावा वे केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार वे वायनाड से ही जीते थे। वायनाड में मतदान हो चुका है। अमेठी और रायबरेली में 20 मई को मतदान है।

हार का डर या कुछ और…

राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने से विपक्ष हमलावर है। आरोप लगा रहा है कि राहुल गांधी हार के डर से अमेठी छोड़ दिए। हालांकि सियासी जानकर उनके इस कदम को अलग अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ का तर्क है कि उन्होंने अमेठी से ज्यादा रायबरेली को तवज्जो दिया। न्याय यात्रा के दौरान भी अमेठी के प्रति उनके मन में टीस दिखी थी। वह अमेठी से कहीं ज्यादा वक्त रायबरेली में दिए थे। अमेठी में कहीं भी वह गाड़ी से उतरे तक नहीं थे। दूसरी तरफ पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी अमेठी में नई लीडरशिप विकसित करना चाहते हैं।

आखिर क्यों पीछे हटीं प्रियंका गांधी

पार्टी सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा सदस्य चुने जाने के बाद से रायबरेली के लिए प्रत्याशी की तलाश शुरू हो गई। शुरुआती दौर में प्रियका गांधी रायबरेली को लेकर रुचि दिखा रही थी। वह यहां से चुनाव लड़ना चाहती थी। इसी बीच राहुल गांधी की न्याय यात्रा शुरू हुई। पार्टी के कुछ नेताओं ने रायबरेली से प्रियंका के बजाय राहुल का नाम रायबरेली के लिए आगे बढ़ाया। इस पर प्रियंका ने चुप्पी साध ली। उनकी टीम भी धीरे धीरे यूपी चुनाव से दूर होती नजर आई। सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रियंका गांधी नहीं चाहती कि उनके और राहुल गांधी के बीच सियासत को लेकर किसी तरह का टकराव हो। ऐसे में उन्होंने अपनी टीम को भी साफ कहा कि चुनाव तो कभी भी लड़ लेंगे।

तीन मई नामांकन की अंतिम तारीख

अमेठी और रायबरेली सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख आज है। रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा आज ही नामांकन करेंगे। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली के प्रत्याशियों के बारे में समाजवादी पार्टी को सूचित कर दिया है। कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली में सपा के स्थानीय पदाधिकारियों को नामांकन में शामिल होने का न्यौता दिया है।

भाजपा ने अमेठी-रायबरेली से इन्हें उतारा

भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी से एक बार फिर उम्मीदवार घोषित किया है। स्मृति ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया था। वहीं, भाजपा ने रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है।

कौन है केएल शर्मा? जिन्हें अमेठी मिला टिकट

कांग्रेस ने अमेठी लेकसभा सीट से  किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। केएल शर्मा गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं। वह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के निवासी है। उन्होंने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था। राजीव गांधी के मौत के बाद के एल शर्मा गांधी परिवार के  काफी नजदीक आ गए।जब पहली बार सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में अमेठी गई तो केएल शर्मा उनके साथ अमेठी आ गए।

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