Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में Exit Poll से सबकी बांछे खिलीं, छोटी पार्टियां भी बना रही अपनी रणनीति

जयपुर, बीएनएम न्यूज। राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम दो दिन बाद रविवार को आएंगे। चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस और भाजपा जैसी बड़ी पार्टियों के साथ ही छोटी पार्टियों ने भी अभी से सरकार बनाने अथवा समर्थन देने को लेकर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। प्रदेश में इस बार आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी), भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी), माकपा और बसपा ने प्रत्याशी खड़े किए थे। इन आधा दर्जन पार्टियों के सात से आठ प्रत्याशियों के चुनाव जीतने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी अनुमान को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने इन छोटी पार्टियों के नेताओं व प्रत्याशियों से संपर्क साधना शुरू किया है।

इनमें बाप के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने अशोक गहलोत से निकटता का हवाला देकर अपनी पार्टी के नेताओं को कांग्रेस का समर्थन करने को लेकर संकेत दिए हैं। रोत वर्तमान में विधायक हैं। बाप ने 17 प्रत्याशी चुनाव में उतारे थे। वहीं आरएलपी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल का दावा है कि इस बार जनता तीसरा विकल्प चुनेगी। उन्होंने कहा, कांग्रेस और भाजपा के दावे फेल होंगे । तीसरा मोर्चा सरकार बनाएगा। आरएलपी ने 77 प्रत्याशी खड़े किए थे। इनमें से तीन से चार प्रत्याशी मजबूत स्थिति में है। उधर माकपा दो सीटों भादरा व दातारामगढ़ में मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। माकपा नेतृत्व से गहलोत ने संपर्क किया है।

सरकार में शामिल हो सकती है बसपा

बसपा के प्रदेश नेतृत्व की रणनीति है कि यदि दोनों बड़ी पार्टियों को सरकार बनाने के लिए विधायकों की कमी होती है तो पार्टी इस बार सरकार में शामिल होगी। बसपा बाहर से किसी भी सरकार को समर्थन नहीं देगी,बल्कि सरकार में शामिल होगी। बीटीपी ने अभी अपना रूख सार्वजनिक नहीं किया है। मतदान के बाद मिल रहे रुझानों को देखते हुए आप का कोई भी प्रत्याशी मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहा है।

सूत्रों के अनुसार बेनीवाल और बीटीपी के नेता निर्दलीय विधायकों से संपर्क साध रहे हैं। दोनों पार्टियों की रणनीति कांग्रेस और भाजपा पर दबाव बनाकर अपने पक्ष में फैसला करवाने की है। हालांकि, इन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि बेनीवाल की पार्टी नागौर, जोधपुर व बाड़मेर जिलों में मजबूत स्थिति में है। वहीं बीटीपी आदिवासी बहुल बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और उदयपुर में सक्रिय है।

कांग्रेस और भाजपा ने किए अपनी-अपनी जीत के दावे

राजस्थान विधानसभा चुनाव में आए एक्जिट पोल ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के नेताओं की धड़कन बढ़ा दी है। हालांकि, अधिकांश एक्जिट पोल भाजपा को आगे बता रहे हैं, लेकिन प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध फलोदी सट्टा बाजार दोनों पार्टियों में कांटे की टक्कर बता रहा है। दोनों ही पार्टियों के आंतरिक सर्वे में भी हार-जीत की सीटों का अंतर कम रहने की बात सामने आई है। इस बीच दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने अपनी-अपनी सरकार बनाने का दावा किया है।

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, सारे सर्वे फेल होंगे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से बनेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता मुंगेरीलाल के सपने देख रहे हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी कांग्रेस के फिर से सत्ता में आने की बात कह रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि एक्जिट पोल कुछ भी आए, लेकिन सरकार हमारी बनेगी।

उधर, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनना तय है। पार्टी 125 से 130 सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस की शर्मनाक हार होगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनेगी। परिणाम निश्चित तौर पर चौंकाने वाले होंगे।

भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग का पूरा प्रबंध किया है। बेंगलुरू में रिसोर्ट बुक करवाए हैं। किरोड़ी ने कहा कि हमने कमल के फूल और पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा है। सीएम का चेहरा केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा। वहीं शिवसेना के प्रदेश प्रभारी चंद्रराज सिंघवी ने राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस की करारी हार होगी। मोदी के नाम और चेहरे को देखकर लोगों ने भाजपा को वोट दिया है। अयोध्या में बन रहे राममंदिर ने हिंदू समाज का जागरूक किया है।

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