रामपाल माजरा को बनाया गया इनेलो का प्रदेश अध्यक्ष, अभय चौटाला ने की घोषणा
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में इनेलो नेता अभय चौटाला की प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने हरियाणा की नई सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनी है और सरकार दावे कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 14फसलें एमएससी पर खरीद के दावे किए हैं।
अभय चौटाला ने प्रदेश में सरसों की खरीद शुरू अब तक सरकार ने नहीं की है। ये सरकार किसान विरोधी सरकार और रोज झूठे दावे करती है। उन्होंने कहा कि इनेलो मांग करती है सरकार जल्द सरसों की खरीद शुरू करें। इनेलो के स्थापना के वक्त से रामपाल माजरा ने पार्टी को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि इनेलो के प्रति रामपाल माजरा का हमेशा लगाव रहा है। अब रामपाल माजरा फिर से पार्टी की मजबूती के लिए इनेलो के साथ आए हैं
रामपाल माजरा को इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष जिम्मेदारी: अभय चौटाला
अभय चौटाला ने कहा मैंने ओपी चौटाला और पार्टी के नेताओ से चर्चा करके रामपाल माजरा को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा हुई थी। इनेलो प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी रामपाल माजरा को देने का फैसला हुआ। उन्होंने कहा कि रामपाल माजरा कुछ वक्त के लिए राजनीति से निष्क्रिय हुए थे अब फिर इनेलो की मजबूती में हमारे साथ आएं है।
कुरुक्षेत्र सीट से उम्मीदवार का रखा था प्रस्ताव
दरअसल, करीब 10 दिन पहले अभय चौटाला अचानक कैथल स्थित रामपाल माजरा के निवास पर पहुंचे थे। उन्होंने माजरा के सामने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से इनेलो का प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था। अभय चौटाला के बाद ओमप्रकाश चौटाला ने उनसे बातचीत की, जिसे माजरा मना नहीं कर सके। इसके चलते अब वह घर वापसी करने जा रहे हैं।
माजरा ने सरपंची से शुरू किया राजनीतिक करियर
रामपाल माजरा ने अपना राजनीतिक सफर वर्ष 1978 में गांव माजरा नंदकरण की सरपंची से शुरू किया था। वह पहली बार वर्ष 1996 में विधायक बने। इस चुनाव में उन्होंने पाई विधानसभा से समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और हरियाणा विकास पार्टी के उम्मीदवार नर सिंह को हराया। वर्ष 2000 में उन्होंने इनेलो की टिकट पर कांग्रेस के तेजेंद्र पाल मान को हराया था , लेकिन वर्ष 2005 के चुनाव में वह मान से हार गए।
2014 में जेपी से हारे थे
माजरा ने वर्ष 2009 में कलायत विधानसभा से इनेलो टिकट पर चुनाव लड़े और प्रतिद्वंद्वी तेजेंद्रपाल मान को हराकर तीसरी बार विधायक बने। वर्ष 2014 के चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी से हार गए।