RBI ने दी चेतावनी, काबू में नहीं आई महंगाई तो थम सकती है देश में विकास की रफ्तार

नई दिल्ली, एजेंसी। Reserve Bank Of India: इस साल महंगाई प्रबंधन को लेकर आरबीआइ (RBI) की तरफ से की गई कोशिशें काफी हद तक कामयाब रही हैं, लेकिन केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को थामने को लेकर संतुष्ट नहीं है। आरबीआइ मान रहा है कि चार प्रतिशत की महंगाई दर का लक्ष्य आने वाले समय में हासिल किया जा सकता है, लेकिन खाद्य उत्पादों की कीमतों में अस्थिरता और अभी जिस तरह से निवेश बढ़ रहा है, उसका असर महंगाई पर पड़ सकता है। ऐसे में आरबीआइ ने साफ तौर पर कहा है कि अगर महंगाई को लक्ष्य के मुताबिक नहीं लाया गया और उसे उसी स्तर पर बनाकर नहीं रखा गया तो तेज आर्थिक विकास दर भी ढगमगा सकती है।

महंगाई का सबसे खराब दौर पीछे छूटा

केंद्रीय बैंक का यह बयान तब आया है जब दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर, 2023) में भारत की आर्थिक विकास दर अनुमान से ज्यादा यानी 7.6 प्रतिशत रही है।
बुधवार को आरबीआइ की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की स्थिति का विस्तार से वर्णन है। केंद्रीय बैंक का यह रुख पिछले कुछ महीनों से है। सितंबर और अक्टूबर के ताजे आंकड़े बता रहे हैं कि महंगाई का सबसे खराब दौर पीछे छूट गया है लेकिन अभी यह केंद्रीय बैंक के लक्ष्य (चार प्रतिशत) से ऊपर है।

आरबीआइ ने कहा, अभी सतर्क रहने की जरूरत

आरबीआइ गवर्नर डा. शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि, ‘पिछले महीनों में महंगाई के नीचे आने के बावजूद नीति-निर्धारकों को सतर्क रहना होगा। सतर्क इस बात से भी रहना होगा कि महंगाई के लिए खतरा किसी दूसरे माध्यम से कभी भी सामने आ सकता है। आने वाला समय ज्यादा अस्थिर हो सकता है, जो ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। हम उस काल में हैं जहां हमें हर कदम बहुत सोच-समझकर उठाना होगा।’

लक्ष्य के मुताबिक महंगाई दर घटी तो कम हो सकती हैं ब्याज दर

आरबीआइ की मासिक रिपोर्ट में महंगाई से जुड़े सारे पहलुओं को छुआ गया है। इसमें परोक्ष तौर पर यह संकेत भी दिया गया है कि अगर महंगाई दर लक्ष्य के मुताबिक घटकर चार प्रतिशत पर आ सकती है तो ब्याज दरों में कटौती की भी गुंजाइश बनती है। इसमें यह भी कहा गया है कि निकट भविष्य में खाद्य महंगाई की दरों में बड़े उछाल की संभावना कम है। यह भी स्वीकार किया गया है कि कुछ वर्गों से ब्याज दरों में कटौती करने या केंद्रीय बैंक की तरफ से दरों को मौजूदा स्तर पर ही बनाए रखने की मांग हो रही है। केंद्रीय बैंक मानता है कि सितंबर-अक्टूबर, 2023 की महंगाई की औसत दर (4.9 प्रतिशत) और कम हो सकती है। आरबीआइ ने वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई की औसत दर 5.4 प्रतिशत और वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में घटकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है।