Rewari News: निजी स्कूल संचालकों से डीसी बोले- अभिभावक बच्चों को 6 से 8 घंटे आपको सौंपते हैं, सुरक्षा की गारंटी लें

नरेन्द्र सहारण, रेवाड़ी। Rewari News: महेंद्रगढ़ में स्कूल बस हादसे के बाद प्रशासन संख्त नजर आ रहा है। हरियाणा के रेवाड़ी में स्कूल वाहन के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए डीसी राहुल हुड्डा ने निजी स्कूल संचालकों के साथ मीटिंग की। डीसी ने किसी भी रूप से नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूल संचालकों को सचेत करते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षित स्कूल वाहन नीति की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।

प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ बैठक

 

डीसी राहुल हुड्डा ने विद्यार्थियों के लिए घर से स्कूल तक आने-जाने के दौरान सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने के लिए सोमवार को जिला में संचालित विभिन्न प्राइवेट स्कूल संचालकों की बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

स्कूल वाहनों में जो खामियां व कमी हैं, उसे दूर करें

 

डीसी ने कहा कि स्कूल संचालक व प्रबंधक अपने विद्यालयों में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी में निर्धारित मानकों व मापदंडों में जो भी खामियां व कमी है उन्हें वे जल्द पूरा करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सुरक्षित आवागमन की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है। स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए तय नियमों की पालना हर हाल में करनी होगी, अवहेलना पर कोई माफी नहीं है। यदि निर्धारित अवधि पूर्व होने उपरांत भी जिन विद्यालय में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत निर्धारित मानकों व मापदंडों में कमी पाई जाती है तो जिला प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

सुरक्षित माहौल प्रदान करना स्कूल प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी

 

डीसी राहुल हुड्डा ने कहा कि बच्चों के अभिभावक व परिजन चाहते हैं कि जैसा सुरक्षित माहौल उनके बच्चों को घर पर मिलता है वैसा ही सुरक्षित माहौल उन्हें विद्यालयों में मिलें ताकि उनके बच्चे सुरक्षित माहौल में अपनी पढ़ाई कर सके और उनके अभिभावक व परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत रहें। उन्होंने कहा कि अभिभावक व परिजन अपने बच्चों को 6 से 8 घंटे आपको सौंपते हैं। ऐसे में घर से स्कूल तक उनको सुरक्षित ले जाना व लाना तथा स्कूल में सुरक्षित माहौल प्रदान करना स्कूल प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अभिभावकों से भी आह्वान किया कि वे बच्चे का एडमिशन करवाने से पूर्व इस बात की पूरी जांच करें कि जिस स्कूल व स्कूल बस में उनका बच्चा स्कूल जाएगा, वह सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के मानकों व मापदंडों पर खरा उतरता है या नहीं, वह स्कूल उनके बच्चों के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है या नहीं। वहां का स्टाफ कैसा है, इसके उपरांत ही अपने बच्चों को एडमिशन उस स्कूल में करवाएं।

विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त

 

डीसी ने स्कूल संचालकों व प्रबंधकों के साथ मीटिंग में बहुत ही स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। स्कूल संचालकों को सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा करने वाली स्कूल बसों का ही संचालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल वाहनों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश जारी कर रखे हैं। सभी स्कूल संचालक स्कूल वाहनों की फिटनेस को अपडेट रखें व ड्राइवरों का समय-समय पर मेडिकल करवाएं। स्कूल संचालक या प्रबंधक अपने सभी वाहनों के सुरक्षित स्कूल वाहन नीति की शत-प्रतिशत अनुपालना का शपथ पत्र प्रशासन को देंगे। विद्यालयों के असुरक्षित वाहन सड़क पर मिलें तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए वाहन को जब्त कर लिया जाएगा।

इन बातों का रखना होगा ध्यान

सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, फस्र्ट एड बॉक्स, जीपीएस सिस्टम, प्रशिक्षित चालक, परिचालक आदि सभी मानकों पर खरा उतरने वाली स्कूल वाहनों को जिला की सड़कों पर चलने की इजाजत दी जाएगी। स्कूल बसों द्वारा स्कूली बच्चों के सुरक्षित आवागमन के मध्येनजर जिला में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत जिला प्रशासन द्वारा विशेष रूप से कड़ी निगाह रखी जा रही है। उन्होंने बैठक में स्कूल संचालकों की समस्याएं व सुझाव भी सुने।

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