ईडी पर हमले में रोहिंया हो सकते हैं हमलावर, सुवेंदु अधिकारी ने की NIA जांच की मांग

कोलकाता, BNM News : बंगाल के राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में शुक्रवार सुबह तृणमूल नेता के घर पर छापा मारने पहुंची ईडी की टीम पर नेता के समर्थकों ने जानलेवा हमला कर दिया। टीम तृणमूल नेता शाहजहां शेख के घर पर छापामारी करने पहुंची थी। हमले में ईडी के कई अधिकारी जख्मी हो गए, इनमें तीन की हालत गंभीर है। इनके सिर फट गए हैं। इन्हें स्थानीय कैनिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिर में पांच-छह टांके लगे हैं। घायल अधिकारियों के नाम राजकुमार राम, अंकुर और सोमनाथ दत्ता हैं। बड़े पैमाने पर इकट्ठा हुए टीएमसी नेता के समर्थकों ने जहां-तहां छिपे ईडी अधिकारियों की चुन-चुन कर पिटाई की। भाजपा ने हमले में रोहिंग्या के शामिल होने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एनआईए जांच की मांग की है।

तृणमूल समर्थकों ने ईडी अधिकारियों पर धावा बोला

 

सूत्रों के मुताबिक समर्थकों ने अधिकारियों के एक लैपटाप, चार मोबाइल फोन व दस्तावेजों से भरे बैग भी छीन लिए। आरोप है कि हमले के दौरान जब ईडी अधिकारियों ने जिले के पुलिस अधीक्षक व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने उनसे बात ही नहीं की।
अधिकारियों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। समर्थकों के आक्रोश को देखते हुए अधिकारी जैसे तैसे आटो रिक्शा, दो पहिया व मीडिया के वाहनों से जान बचाकर कोलकाता कार्यालय की ओर भागे। तृणमूल नेता के समर्थकों ने मौके पर मौजूद केंद्रीय बल के जवानों और मीडियाकर्मियों के साथ भी मारपीट की।

ईडी ने 12 जगहों पर शुरू किया था छापेमारी अभियान

 

ईडी की टीम ने राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में कोलकाता तथा इससे सटे जिले उत्तर 24 परगना में कुल 12 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। इसी क्रम में ईडी की टीम उत्तर 24 परगना जिले में तृणमूल नेता व ब्लाक एक के अध्यक्ष शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक ईडी के अधिकारी जब तृणमूल नेता के घर का ताला तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, तभी बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने ईडी अधिकारियों व केंद्रीय बल के जवानों पर अचानक हमला बोल दिया।

मीडिया कर्मियों की भी पिटाई

 

समर्थकों की भीड़ ने मीडिया कर्मियों को भी नहीं छोड़ा। उनकी भी पिटाई की गई। उनके फोन छीन लिए गए। जान से मारने की धमकी देकर उनके मोबाइल के पासवर्ड पूछे गए। मीडिया कर्मी आश्वस्त होने पर उनके फोन लौटाए गए। बाद में स्थानीय थाने के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तथा जांच पड़ताल की। इस घटना में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इलाके में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। ईडी के अधिकारियों ने जिले के बनगांव में तृणमूल नेता शंकर आढ्य के घर पर भी छापेमारी की। दोनों टीएमसी नेता राशन घोटाले में गिरफ्तार मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी बताए जा रहे हैं।

सुवेंदु ने शाह से की बात, जरूरी कदम उठाने का आग्रह

 

नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने पूरी घटना की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राज्यपाल सीवी आनंद बोस को दी है। सुवेंदु ने इस मामले में जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है तथा इसके साथ घटना की एनआइए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि भीड़ में रोहिंग्या शामिल थे। इधर ईडी ने कहा कि वह पूरी घटना की शिकायत पुलिस से करेगी। एनआइए जांच की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह संघीय ढांचे पर हमला है। इस मामले में उन्होंने जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

विरोधी दलों ने कहा, बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगे

 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी तथा माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा है कि संदेशखाली में गणतंत्र की हत्या की गई है। उन्होंने बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग की। इधर तृणमूल की वरिष्ठ नेता व राज्य सरकार में मंत्री डा शशि पांजा ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने जिस तरह हालात पैदा किए, उसकी वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई। यह घटना उनके उकसाने का प्रतिवाद स्वरूप है।

 

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने भी की टिप्पणी

 

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि बंगाल में संवैधानिक ढांचा ढह रहा है। उन्होंने डिप्टी सालिसिटर जनरल से इस घटना को लेकर सवाल किए। वहीं राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य सरकार को जिम्मेदारी याद दिलाते हुए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। राज्यपाल ने राज्य के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों से घटना के बारे में जानकारी ली और अस्पताल जाकर भर्ती ईडी अधिकारियों का हाल जाना।

 

केंद्रीय मंत्री, भाजपा अध्यक्ष के काफिले पर भी हुआ था हमला

 

बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी समर्थकों की ओर से हमला करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ईडी अधिकारियों पर जानलेवा हमले की यह पहली घटना है। 2023, फरवरी में कूचबिहार जिले के दिनहाटा में टीएमसी के समर्थकों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला किया था। वर्ष 2020 के दिसंबर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था, हमले में वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय सहित पार्टी के कई नेता घायल हुए थे। नवंबर, 2021 में विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला किया था।

 

 

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