Rohtak News: एमडीयू के 10 प्रोफेसरों पर कसा चुनाव आयोग का शिकंजा, पांच कर रहे थे कांग्रेस का प्रचार
नरेन्द्र सहारण, रोहतक। Rohtak News: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रचार करने और चुनावी ड्यूटी में शामिल नहीं होने वाले महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के दस प्रोफेसरों पर गाज गिर गई है। विश्वविद्यालय के पांच प्रोफेसरों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई और पांच के खिलाफ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को गुरुवार शाम पांच बजे तक फैसला लेने व रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
पांच प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कदम उठाया
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग ने सरकारी ड्यूटी पर रहने के बावजूद कांग्रेस का प्रचार करने वाले एमडीयू के पांच प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के चलते पांचों प्रोफेसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
पांच अन्य प्रोफेसर चुनावी ड्यूटी में शामिल नहीं रहे
इसके अलावा एमडीयू के पांच अन्य प्रोफेसर चुनावी ड्यूटी में शामिल नहीं रहे। इनके खिलाफ भी चुनाव आयोग ने सख्ती बरतते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। कुलसचिव को वीरवार शाम पांच बजे तक उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को भेजना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये है मामला
लोकसभा चुनाव में प्रचार जोरों पर है। इसके चलते एमडीयू के कुछ प्रोफेसर भी प्रचार में जुटे हुए थे। इस संबंध में एक शिकायत चुनाव आयोग को फोटो व वीडियो के साथ भेजी गई थी। आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए पांच प्रोफेसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जानें क्या है धारा 129
– लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 129 में कहा गया है कि चुनाव में अधिकारी या कर्मचारी उम्मीदवारों के पक्ष में कार्य नहीं करेंगे। मतदान को प्रभावित नहीं करेंगे।
– कोई भी व्यक्ति जो जिला निर्वाचन अधिकारी या अन्य चुनाव अधिकारी की ओर से पीठासीन अधिकारी के लिए चुनाव के संबंध में कोई कर्तव्य निभाने के लिए नियुक्त अधिकारी या क्लर्क है, चुनाव के संचालन या प्रबंधन में किसी उम्मीदवार के चुनाव की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए कोई कार्य नहीं करेगा।
– कोई भी पूर्वोक्त व्यक्ति और पुलिस बल का कोई भी सदस्य यह प्रयास नहीं करेगा कि किसी व्यक्ति को चुनाव में अपना वोट देने के लिए राजी करना, या किसी व्यक्ति को चुनाव में अपना वोट देने से रोकना, या चुनाव में किसी भी व्यक्ति के मतदान को किसी भी तरीके से प्रभावित करना। कोई भी व्यक्ति जो उप-धारा (1) या उप-धारा (2) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे कारावास से दंडित किया जाएगा। इसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।