Sakat Chauth 2024: सकट चौथ पर आज जरूर करें ये खास उपाय, भगवान गणेश करेंगे सभी विघ्न दूर, जानें- चंद्रोदय का समय

सकट चतुर्थी व्रत आज यानी सोंवार को है, जानें शुभ मुहूर्त
नई दिल्ली, BNM News: Sakat Chauth 2024: सकट चौथ के व्रत का सनातन धर्म में विशेष महत्व है जो प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस व्रत को हर साल बहुत ही श्रद्धा के साथ किया जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश की पूजा से व्यक्ति के सभी संकट खत्म हो जाते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सकट चौथ का व्रत मुख्यतः संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है। सकट चौथ का व्रत करने से जातक के जीवन में कभी कोई बाधा नहीं आती है। मान्यता है कि गणेश जी ने माता पार्वती और पिता शिव जी की परिक्रमा सकट चौथ के दिन ही की थी। हालांकि, इस दिन शिव जी, मां पार्वती, चंद्र देव और कार्तिकेय जी और माता सकट की पूजा का विधान है। कहते हैं कि सकट चौथ के दिन कुछ खास उपाय करना बड़ा ही शुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं सकट चौथ के खास उपायों के बारे में।
सकट चौथ की तिथि
संकष्टी व्रत 29 जनवरी को सूर्योदय से लेकर अगले दिन 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 55 मिनट तक चतुर्थी तिथि विद्यमान रहेगी और दिल्ली के समयानुसार 29 जनवरी को चंद्रमा रात्रि 09 बजकर 15 मिनट पर उदय हो रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप चतुर्थी और चंद्रोदय का अच्छा संयोग मिल रहा है। आपके राज्य-शहर में भी ये व्रत चंद्रोदय के समय ही मनाया जाना है इसलिए स्थानीय चंद्रोदय के अनुसार ही व्रत का निर्णय करें।
सकट चौथ 2024 तिथि और मुहूर्त
सकट चौथ तिथि: 29 जनवरी, 2024, सोमवार
चतुर्थी तिथि का आरंभ: 29 जनवरी को सुबह 06 बजकर 10 मिनट से
चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर
चंद्रोदय का समय: रात 09 बजकर 15 मिनट पर
चन्द्रमा और गणेश होते हैं प्रसन्न
मन के स्वामी चंद्रमा और बुद्धि के स्वामी गणेश जी के संयोग के परिणामस्वरुप इस चतुर्थी व्रत के करने से मानसिक शांति, कार्य सफलता, प्रतिष्ठा में बुद्धि और घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करने में सहायक सिद्ध होती है। इस दिन किया गया व्रत और पूजा पाठ वर्ष पर्यंत सुख शान्ति और पारिवारिक विकास में सहायक सिद्ध होता है। यह उत्तर भारतीयों का प्रमुख पर्व है। शास्त्र परंपरा के अनुसार इस दिन गुड और तिल का पिंड बनाकर उसे पर्वत रूप समझकर दान किया जाता है। गुड़ से गौ की मूर्ति बनाकर जिसे गुड़-धेनु कहा जाता है का दान रात्रि में चंद्रमा और गणेश की पूजा के उपरांत अगले दिन प्रासदस्वरुप दान करना चाहिए।
सकट चौथ का महत्व
चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ से भगवान गणेश जीवन में सभी तरह बाधाएं को दूर करते हैं। माघ महीने की सकट चौथ व्रत मुख्य रूप से महिलाएं संतान की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकट खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे मान्यता है भगवान गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा सकट चौथ के ही दिन की थी जिस कारण से इस व्रत का विशेष महत्व होता है।
सकट चौथ के उपाय
1. कार्य में सफलता के लिए
हर काम में सफलता पाने के लिए सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को गेंदे का पीला फूल चढ़ाएं और इसके साथ ही भगवान गणेश को भोग में पीले मोदक भी अर्पित करें।
2. कष्ट दूर करने के लिए
जीवन में आ रहे हर कष्ट, बाधा को दूर करने के लिए सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजन करें और इसके साथ ही ‘ऊं गं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा’ मंत्र का जाप जरूर करें।
3.सुख समृद्धि के लिए
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को जोड़े में दुर्वा अर्पित करें। इसके साथ ही दुर्वा अर्पित करते हुए ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नम: ‘ मंत्र का जाप करें।
सकट चौथ पूजन विधि
इस दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना है। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। उसके बाद गणेश जी को तिलक लगाएं, दुर्वा, जल, चावल, जनेऊ अर्पित करें. फिर गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी हुई चीजों का भोग जरूर लगाना है। इसके बाद धूप और दीया जलाकर भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें। साथ ही इस दिन सकट चौथ की कथा का जाप भी करना चाहिए। इस दिन गणेशजी के 12 नामों का उच्चारण भी करना चाहिए। शाम के समय भी इसी तरह गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय लोटे में तिल भी डालना है। इस दिन गाय की सेवा भी जरूर करनी चाहिए। शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करना है।
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