सोनीपत के कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र पंवार बरी, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को अवैध माना

सुरेंद्र पंवार

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Surendra Panwar Acquitted: हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार को अदालत ने बरी करने का आदेश दिया है। तीन महीने पहले उन्हें अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने गिरफ्तार किया था। कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद उन्होंने पुलिस कस्टडी में ही नामांकन भरा था।हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध माना।

सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि ये केस पूरी तरह से अवैध था। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने फैसला सुनाया।

गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया

 

सुरेंद्र पंवार, जो खनन व्यापारी हैं, को 20 जुलाई को गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था और तब से वे अंबाला जेल में थे। 2019 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक का चुनाव जीता था। अब कांग्रेस ने उन्हें फिर से टिकट दिया है, जबकि उनकी गिरफ्तारी के बाद उनका नामांकन पुलिस कस्टडी में दाखिल किया गया था। हाल ही में कोर्ट ने तीन महीने बाद उनके केस को खारिज कर दिया, यह मानते हुए कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी।

पुत्र वधू समीक्षा पंवार प्रचार की कमान संभाल रहीं

भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट दिया है। हालांकि, भाजपा प्रत्याशी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। सुरेंद्र पंवार की जेल में रहने के कारण उनका चुनाव प्रचार प्रभावित हो रहा था, और उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार इस दौरान प्रचार की कमान संभाल रही थीं। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के प्रचार में जुटे रहे, लेकिन पंवार की गैरमौजूदगी महसूस की जा रही थी।

चुनावी मुकाबला और दिलचस्प होगा

 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुरेंद्र पंवार के जेल से बाहर आने के बाद सोनीपत सीट पर चुनावी मुकाबला और दिलचस्प हो जाएगा। यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। निखिल मदान ने जीत के लिए जोरदार प्रयास किए हैं, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री कविता जैन और राजीव जैन चुनाव प्रचार से दूर हैं।

इससे पहले, 4 जनवरी को ईडी की टीम ने सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास और अन्य स्थानों पर छापा मारा था, जब वे 2013 में हुए अवैध खनन मामले की जांच कर रहे थे। इस कार्रवाई में पंवार के साझेदार, यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह, के खिलाफ भी छापे मारे गए थे। पंवार पर 25 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है, और उनके खिलाफ कुल आठ मामले दर्ज हैं।

 

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