Sonipat Crime: काल सेंटर के जरिये विदेशी नागरिकों से करते थे ठगी, छापेमारी कर पांच पकड़े, जानें कैसे चलता था खेल

नरेन्द्र सहारण, सोनीपत : Sonipat Crime: कस्टमर सर्विस के नाम पर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले गिरोह का क्राइम यूनिट ने भंडाफोड़ किया। पुलिस ने मौके से पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया, जबकि काल सेंटर संचालक अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। आरोपित पीड़ितों के सिस्टम पर एनीडेस्क डाउनलोड करवा उसके जरिए रिकार्ड जुटाकर ठगी करते थे। फिलहाल, कुंडली थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
फर्जी काल सेंटर चलाकर अमेरिका के नागरिकों से ठगी
गन्नौर की क्राइम यूनिट को सूचना मिली थी कि कुंडली स्थित लेक ग्रुप सोसायटी वाटर फ्लोर टावर मे थर्डफ्लोर पर फ्लैट नबर-88 मे दिल्ली के रोहिणी के रहने वाला नीरज राणा अपने साथियों के साथ मिलकर बिना किसी सरकारी अनुमति के फर्जी काल सेंटर चलाकर यूएसए के नागरिकों के पास एप्पल, माइक्रोसाफ्ट, अमेजन, एप्पल की कस्टमर सर्विस और टेक्निकल स्पोर्ट देने के नाम पर अलग-अलग समस्या बतलाकर एप के माध्यम से काल प्राप्त करके विदेशी नागरिकों को गुमराह कर उनकी समस्या को दूर करने के नाम पर ठगी करता है, जिसके बाद सीआइए ने मामले से पुलिस उपायुक्त, सहायक पुलिस आयुक्त क्राइम को मामले की सूचना दी। इसके बाद साइबर थाना और कुंडली थाना पुलिस को साथ लेकर छापेमारी की गइ। जहां दो युवक मौजूद मिले। इन्होंने अपनी पहचान वेस्ट मुंबई के नैनो एस्टेट अंबरनाथ के रहने वाले होजेफा मामाजीवाला और दूसरे ने मुंबई के ठाणे के अमरनाथ वेस्ट के रहने वाले जुनैद के रूप में दी।
फोन, लैपटाप की जांच
उनके पास से पुलिस ने फोन, लैपटाप, हेडफोन, जुनैद के पास मिले लैपटाप की जांच की, तो फोन करने के लिए एप्लीकेशन और मास्टर फोन में वेंडर द्वारा डाटा कार्ड की डिटेल मिली। दोनों ने पूछताछ में बताया कि उनका साथी नीरज राणा और गुरुग्राम के दौलताबाद गांव की रहने वाली मधुर मेहता, दिल्ली के रोहिणी का साहिल मल्होत्रा नीचे सोसायटी में गाड़ियों में बैठे मिलेंगे। टीम नीचे पहुंची तो गाड़ियों के पास चार युवक खड़े दिखाई दिए। टीम को आता देख एक युवक मौके से भाग गया। बाकी तीन को टीम ने काबू कर लिया। पकड़े गए युवकों ने अपनी पहचान साहिल, मधुर मेहता और दिल्ली के पश्चिमी विहार के गुनीत सिंह के रूप में दी। जब काल भागने वाले की पहचान नीरज राणा के रूप में हुई। उनके पास से भी लैपटाप और मोबाइल बरामद किए।
ईमेल के माध्यम से टोल फ्री नंबर भेजते थे
गन्नौर के क्राइम यूनिट क प्रभारी मनीष कुमार ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी लोगों को अनाधिकृत चार्ज के रिफंड देने के लिए ईमेल के माध्यम से टोल फ्री नंबर भेजते थे। जब कस्टमर टोल फ्री नंबर पर फोन करता था तो उनके कंप्यूटर में एनीडेस्क एप डाउनलोड करवा लेते थे। जिस पर उनके कंप्यूटर का रिकार्ड ले लेते थे। इसके बाद उनके कंप्यूटर की स्क्रीन पर बैंक खातों में अमाउंट बढ़ा हुआ दिखाया जाता था। इस सर्विस के नाम पर गिफ्ट-बीटीसी के माध्यम से डॉलर चार्ज लेने के नाम पर ठगी करते थे।
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