Sri Lanka elections result 2024: आर्थिक तबाही से जूझ रहे श्रीलंका ने राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथ पर जताया भरोसा

कोलंबो, एजेंसीः श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक समाने आए नतीजों के बाद मार्क्सवादी-झुकाव वाले नेता, अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) राष्ट्रपति बनने की दौड़ में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। श्रीलंका के चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि अब तक गिने गए 10 लाख वोटों में से लगभग 53% मत दिसानायके को प्राप्त हुए हैं।

दिसानायके ने नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी मार्क्सवादी-झुकाव वाली जनता विमुक्ति पेरेमुना (JVP) पार्टी शामिल है। बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके कम्युनिस्ट विचारधारा को फॉलो करते हैं। साजिथ प्रेमदासा की पार्टी समागी जन बालवेगया 20% वोट लेकर दूसरे स्थान पर चल रही है।

वहीं रानिल विक्रमसिंघे 18 फीसदी वोट लेकर तीसरे स्थान पर हैं। पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे को सिर्फ 1 फीसदी वोट मिला है। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 सितंबर को हुए मतदान थे। मतगणना के नतीजों के बीच कोलंबो में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

श्रीलंका में 2022 के आर्थिक संकट के बाद पहला चुनाव

गोटबाया राजपक्षे सरकार के पतन के बाद इस द्वीप देश में यह पहला राष्ट्रपति चुनाव है। बता दें कि 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में गोटबाया सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर जन विद्रोह हुआ था। प्रदर्शनकारी कोलंबो में राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे, जिसके बाद गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था। श्रीलंका के चुनाव आयोग के अनुसार 17 मिलियन (1 करोड़ 70 लाख) मतदाताओं में से लगभग 75% ने शनिवार के चुनाव में अपना वोट डाला था।

गरीब-समर्थक नीतियों के कारण लोकप्रिय

जेवीपी लोअर टैक्स रेट और क्लोज मार्केट इकोनॉमी का समर्थन करती है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में श्रीलंका की पार्लियामेंट में जेवीपी के सिर्फ तीन सांसद जीतकर पहुंचे थे। लेकिन 55 वर्षीय दिसानायके अपने कड़े भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और गरीब-समर्थक नीतियों के कारण इस चुनाव में काफी लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान खुद को सुधारवादी नेता के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत किया।  ​अनुरा कुमारा दिसानायके ने ऐलान किया था कि आम चुनावों में जीतकर सत्ता में आने के 45 दिनों के भीतर वह संसद को भंग कर देंगे।

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में अस्थायी सुधार दिखने लगा है

अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेट और कठोर शर्तों के बाद श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सुधार दिखने लगा है। लेकिन इस चुनाव में लोगों के लिए जीवन यापन की उच्च लागत एक महत्वपूर्ण मुद्दा थी। श्रीलंका में महंगाई दर 2022 में 70% के उच्चतम स्तर से घटकर पिछले महीने 0.5% पर आ गई है। तीन साल में पहली बार श्रीलंका की विकास दर निगेटिव से पॉजिटिव होने का अनुमान है। इस द्वीप राष्ट्र में लाखों लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं।

नए श्रीलंकाई राष्ट्रपति के लिए IMF के साथ सहयोग जरूरी

राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने वाले नेता पर श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को स्थिर विकास पथ पर लाने, बाजारों को आश्वस्त करने, देश पर चढ़ा कर्ज चुकाने, निवेशकों को आकर्षित करने और अपने एक चौथाई लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए अगले राष्ट्रपति को 2027 तक आईएमएफ प्रोग्राम से जुड़कर काम करना होगा।

अपने प्रभावी भाषण शैली के लिए जाने जानेवाले अनुरा कुमारा दिसानायके ने टैक्स कम करने का वादा किया है, जो राजकोषीय लक्ष्यों को प्रभावित करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि कोई भी बदलाव आईएमएफ के परामर्श से किया जाएगा और वह कर्ज का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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