भिवानी में दो भाईयो ने की सुसाइड की कोशिश, जमीन पर कब्जा हटाने गई थी पुलिस, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती –

नरेन्द्र सहारण भिवानीः हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू कस्बे में जमीन के एक टुकड़े पर कई सालों से कई लोगों ने कब्जा कर रखा है. सोमवार को हाईकोर्ट के आदेश पर जमीन का कब्जा मुक्त कराने के लिए पुलिस टीम और ड्यूटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे थे. पुलिस-प्रशासन के सामने ही 2 कब्जाधारियों ने खुदकुशी का प्रयास किया. मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने दोनों को गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है.
क्या है मामलाः भिवानी जिला के लोहारू कस्बा में स्टेडियम के साथ लगती सात एकड़ भूमि को लेकर बीते 20 साल से ज्यादा समय से दो पक्षों के बीच आपसी विवाद चल रहा है. मामले में हाईकोर्ट की ओर से प्रशासन को एक पक्ष को कब्जा दिलवाने का आदेश दिया गया है.
कब्जाधारी जमीन खाली कराए जाने का कर रहे हैं विरोधःहाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई के लिए प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार शेखर नरवाल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया. ड्यूटी मजिस्ट्रेट भारी संख्या में पुलिस बल के साथ सोमवार को स्टेडियम के पीछे जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए मौके पर पहुंचे थे. इसी दौरान कब्जाधारी पक्ष से बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं. इसी बीच कब्जाधारियों की तरफ से दो व्यक्ति सतबीर और अशोक ने कब्जा छुड़वाने का विरोध करते हुए मौके पर खुदकुशी का प्रयास किया. पुलिस ने गंभीर स्थिति में दोनों लोगों को भिवानी के सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया है.
कब्जाधारियों ने लगाया आरोपःकब्जाधारी पक्ष से धर्मबीर ने बताया कि इस घटना में उनके दो भाई सतबीर और अशोक गंभीर रूप से जल गए हैं. इस मामले में 8 अप्रैल की तारीख भी लगी हुई है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि बगैर नोटिस दिए कब्जा हटवाने के लिए पहुंचे थे.
मामले में बोले एसडीएमःलोहारू के एसडीएम मनोज दलाल ने कहा कि “हाईकोर्ट के आदेशानुसार कब्जा छुड़वाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. लेकिन यहां पर टीम के पहुंचने पर दो ग्रामीणों ने आत्महत्या का प्रयास किया है, जिन्हें भिवानी रेफर कर दिया है.” उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों से बातचीत कर यहां पर आपसी सहमति बनाए जाने का अनुरोध किया गया है, जिसे दोनों पक्षों ने मान लिया है. उन्होंने बताया कि एक पक्ष के घर में 7 अप्रैल को शादी है. ऐसे में 7 अप्रैल तक शांति बनाए रखने की अपील की गई है, जिसे दोनों पक्षों ने मान लिया है. उन्होंने बताया कि इस मामले को हाईकोर्ट के आदेशानुसार आपसी समझौते से निपटा लिया जाएगा.