फरवरी 2025 में अंतरिक्ष से लौटेंगे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर: NASA ने कहा- स्पेसएक्स के ड्रैगन से वापसी होगी

सुनीता और बुच विल्मोर 80 दिनों से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं।

वाशिंगटन, रायटर: भारतवंशी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्षयात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से धरती पर वापस लोटने के लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्षयात्रियों के लौटने में अत्यधिक जोखिम है। अगले साल फरवरी तक दोनों अंतरिक्षयात्रियों के स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान से वापस लौटने की उम्मीद है। खाली स्टारलाइनर कैप्सूल सितंबर की शुरुआत में धरती पर वापस लौटने का प्रयास करेगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने शनिवार को कहा कि जून में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर सवार होकर आइएसएस के लिए उड़ान भरने वाले नासा के दो अंतरिक्षयात्री अगले वर्ष की शुरुआत में स्पेसएक्स के अंतरिक्षयान से पृथ्वी पर लौटेंगे। उन्होंने कहा कि बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्षयात्रियों के लौटने में है अत्यधिक जोखिम है।

स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान अगले महीने नियमित अंतरिक्ष यात्री रोटेशन मिशन के हिस्से के रूप में लांच होने वाला है। क्रू ड्रैगन की चार अंतरिक्ष यात्री सीटों में से दो विल्मोर और विलियम्स के लिए खाली रखी जाएंगी। नेल्सन ने ह्यूस्टन में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने नासा के निर्णय पर बोइंग के नए सीईओ केली आर्टबर्ग के साथ चर्चा की। आर्टबर्ग ने कहा कि आर्टबर्ग ने कहा कि स्टारलाइनर के सुरक्षित वापसी के बाद इसकी कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

सुनीता विलियम्स ने नासा के साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ पांच जून को स्टारलाइनर कैप्सूल से आठ दिवसीय परीक्षण मिशन के लिए आइएसएस रवाना हुए थे। स्टारलाइनर में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण अंतरिक्षयात्रियों की वापसी में देरी हो रही है। स्टारलाइनर के थ्रस्टर में खराबी आ गई। ये थ्रस्टर अंतरिक्ष यात्रा के लिए जरूरी हैं। हीलियम का रिसाव की भी समस्या है। नासा के बोइंग स्टारलाइनर मिशन का उद्देश्य अंतरिक्षयात्रियों को आइएसएस तक सुरक्षित रूप से ले जाने और वहां से वापस लाने की क्षमता का प्रदर्शन करना था।

स्पेस एनीमिया की शिकार हो सकती हैं सुनीता

नई दिल्ली, आइएएनएस : भारतवंशी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स लंबे समय से आइएसएस पर फंसी हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अगर लंबे समय तक रुकना पड़ा, तो स्पेस एनीमिया होने का खतरा होगा। विशेषज्ञों ने कहा कि माइक्रोग्रैविटी हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की गिनती को कम कर सकती है, जो पूरे शरीर में आक्सीजन और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए आवश्यक है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस एनीमिया हो जाता है, तो उनकी ऊर्जा, शक्ति और सहनशक्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। स्पेस एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं समय से पहले नष्ट हो जाती हैं। कुल मिलाकर इसका प्रभाव यह होता है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान जितनी लाल रक्त कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं, उससे कहीं अधिक नष्ट हो जाती हैं। यह स्थिति न केवल अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के दौरान, बल्कि पृथ्वी पर लौटने पर भी अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।

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