Delhi Liquor Case: आज भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे केजरीवाल, नोटिस को बताया गैरकानूनी

नई दिल्ली, BNM News:  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एक बार फिर प्रवर्न निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं होंगे।  यह तीसरी बार है जब सीएम केजरीवाल ED के समन पर पूछताछ के लिए नहीं पहुचेंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। लेकिन वो ED की इस नोटिस को गैर-कानूनी मानते हैं। AAP के अनुसार ED की नीयत केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है। ED का समन अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकनेा चाहते हैं। यही वजह है कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें समन भेजा गया है।

ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला केस में 3 जनवरी को पूछताछ के लिए तीसरा समन जारी किया था। इससे पहले दो समन में भी केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। ईडी ने 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन तब सीएम विपश्यना के लिए चले गए थे। तब केजरीवाल ने अपने वकीलों द्वारा कहा था कि यह सिर्फ 2024 में लोकसभा चुनाव के अंतिम महीनों में सनसनीखेज खबरें बनाने के लिए है। समन के समय पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने कहा कि आपके समन का समय मेरी सोच को और मजबूत करता है कि मुझे भेजे जा रहे समन किसी उद्देश्य या तर्कसंगत मानदंड पर आधारित नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से प्रचार के साथ-साथ देश में बहुप्रतीक्षित लोकसभा चुनाव के अंतिम कुछ महीनों में सनसनीखेज खबरें बनाने के लिए हैं। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें किस हैसियत से बुलाया जा रहा है। उन्होंने इसके बारे में भी अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मुझे गवाह, संदिग्ध, दिल्ली के सीएम या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में बुलाया जा रहा है।

‘ये राजनीति से प्रेरित है’

ED के समन का जवाब देते हुए केजरीवाल ने इसे “राजनीति से प्रेरित और अवैध बताया था। आप प्रमुख ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपना जीवन पारदर्शिता और ईमानदारी से जीया है और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। केजरीवाल ने मामले के जांच अधिकारी को लिखे एक पत्र में कहा था कि व्यक्तिगत पेशी के लिए उनके खिलाफ जारी किया गया नोटिस कानून के अनुरूप नहीं है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

क्या गिरफ्तार हो सकते हैं केजरीवाल ? 

ऐसी भी चर्चाएं हैं कि सीएम केजरीवाल को पूछताछ के बाद ही गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, सीएम केजरीवाल ने ईडी के इस समन को गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया है। बता दें कि गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट का सामना करने से पहले केजरीवाल केवल तीन बार सम्मन छोड़ सकते हैं। अगर वो तीन बार के बाद भी समन पर नहीं पहुंचे तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

अक्तूबर में भेजा था पहला समन

अरविंद केजरीवाल को ईडी ने अक्तूबर में भी इस मामले में समन जारी करके दो नवंबर को तलब किया था, लेकिन वह उस दौरान भी ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। तब उन्होंने विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त होने का हवाला देते हुए ईडी के समक्ष पेश होने का समय मांगा था, वहीं दो नवंबर को उनके वकीलों ने ईडी के समन को गैर कानूनी करार दे दिया था।

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