Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तरकाशी में ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म ठीक, टनल में ड्रिलिंग का काम फिर शुरू, जानें- कब तक बाहर आएंगे मजदूर

उत्तरकाशी, BNM News: Uttarakhand Tunnel Rescue Operation-उत्तराखंड की उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों के बाहर निकलने का इंतजार पूरा देश कर रहा है, लेकिन रेस्क्यू(Rescue) में आ रही दिक्कत से सभी की सांसें अटकी हुई हैं। कभी सरिया, तो कभी पत्थर उन तक पहुंचने में बाधा बन रहे हैं। इस बीच, शुक्रवार 24 नवंबर को करीब 11.15 बजे फिर से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया। इस पहले, PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया, ‘हम शुक्रवार सुबह ड्रिलिंग शुरू कर देंगे। ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि अगले 5 मीटर में कोई रुकावट नहीं है। 47 मीटर तक पाइप पहुंच चुका है। अब अभी 16.2 मीटर खुदाई बाकी है। ड्रिलिंग के दौरान यदि कोई बाधा नहीं आती है, तो आज 41 मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। टनल में मजदूरों के फंसे होने का आज यानी 24 नवंबर को 13वां दिन है।

ऑगर मशीन ऑपरेटर ने कहा काम करने में रिस्क

उत्तर प्रदेश (गोरखपुर) के रहने वाले प्रवीण कुमार यादव अमेरिकी ऑगर मशीन के ऑपरेटर हैं। प्रवीण इस पूरे बचाव अभियान में लगे रहे हैं। प्रवीण ने ही 45 मीटर अंदर पाइप में जाकर उस सरिया और स्टील पाइप को काटा था, जो ड्रिलिंग में दिक्कत कर रहा था। प्रवीण ने बताया कि मैं 3 घंटे पाइप के अंदर रहा। यहां ऑक्सीजन की कमी थी। रिस्क भी थी, लेकिन बिना रिस्क के ये काम नहीं होता। प्रवीण ने ये बताया कि अब ऑगर मशीन की वर्किंग करना शुरू हो जाएगी। तकरीबन 8 से 10 मीटर पाइप को पुश करना है। यदि 6 मीटर पाइप पुश हो जाता है तो उस मिट्टी को आगे धकेलकर फंसे मजदूर तक पहुंचा जा सकता है। मेरा 14 साल का एक्सपीरियंस है। हम अंदर फंसे लोगों को निकालकर लाएंगे।

सुरंग से मजदूरों को निकालने का मॉक ड्रिल

उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों को निकालने का मॉक ड्रिल एनडीआरएफ की ओर से किया गया। 800 मिलीमीटर की पाइप को मलबे में आर-पार किए जाने के बाद मजदूरों को रेस्क्यू किए जाने का कार्य एनडीआरएफ की टीम शुरू करेगी। इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई है। मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाकर पाइप में रखा जाएगा। इसके बाद दूसरे छोड़ पर खड़ी टीम रस्सी को खींचकर स्ट्रेचर अपनी तरफ लाएगी। 41 मजदूरों को बाहर लाने में एक से दो घंटे का समय लग सकता है।

सिलक्यारा टनल पहुंचे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह

सिलक्यारा सुरंग में बचाव अभियान में आई अड़चन दूर कर ली गई है। ऑगर मशीन के लिए प्लेटफॉर्म दोबारा तैयार कर लिया गया है। इस जानकारी के बाद अब तमाम लोगों में मजदूरों को जल्द निकालने की उम्मीद बंधने लगी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह सुरंग स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बचाव अभियान का जायजा लिया। अधिकारियों के साथ बातचीत की। उन्होंने सुरंग में चल रहे ऑपरेशन की ताजा स्थिति को जाना। सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के अभियान की सीएम पुष्कर सिंह धामी स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वे सिलक्यारा में डटे हुए हैं। सिलक्यारा में ही मिनी सचिवालय भी स्थापित किया गया है। गुरुवार की रात भी सीएम धामी उत्तरकाशी में रहने का फैसला लिया। प्रदेश के अन्य कार्यों को सीएम धामी उत्तरकाशी से ही मॉनिटर कर रहे हैं। मिनी सचिवालय से उनके रोजमर्रा के कार्यों को पूरा कराया जा रहा है। सीएम धामी ने गुरुवार को सुरंग में पहुंचकर फंसे मजदूरों से वॉकी टॉकी के जरिए बातचीत भी की थी।

भास्कर खुलवे ने दी खुशखबरी

पीएमओ के पूर्व एडवाइजर और टनल एक्सपर्ट भाष्कर खुलवे ने रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म को दुरुस्त कर लिया गया है। मशीन की फिटिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। अगले एक घंटे में टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन के फिर से शुरू होने का दावा उन्होंने किया। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग में आ रही बाधा को देखते हुए अब वर्टिकल ड्रिलिंग की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नाल्ड डिक्स का कहना है कि ऊपर की तरफ से भी मजदूरों को निकालने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसे भी एक विकल्प के रूप में देखा जाने लगा है।

मजदूरों को पका भोजन मिलने से राहत

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को अब पका भोजन मिलने से राहत मिल रही है। इससे पहले उन्हें सूखा मेवा दिया जा रहा था। राहत एवं बचाव दल भी इससे राहत महसूस कर रहे हैं। डॉक्टरों के परामर्श से श्रमिकों तक छह इंच की लाइफलाइन पाइप के जरिए रोटी- सब्जी से लेकर उबले अंडे, दलिया, उपमा और खिचड़ी भेजी जा रही है।

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