ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में लेबर पार्टी से 10 सिख चुने गए सांसद, बढ़ेगा भारतीयों का दबदबा
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन के संसदीय चुनाव में शुक्रवार को लेबर पार्टी की जबरदस्त जीत के साथ ब्रिटेन में बसे सिख समुदाय के 10 सदस्य संसद के लिए चुने गए। सांसद पहुंचने वाले सिखों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। रोचक यह कि इन दस नवनिर्वाचित सिख सांसदों में पांच महिलाएं हैं। ये सभी लेबर पार्टी के हैं। नवनिर्वाचित सांसदों में तनमनजीत सिंह ढेसी और प्रीत कौर गिल लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। अन्य आठ सिख सांसदों में किरिथ एंटविस्टल (किरिथ अहलूवाली), सोनिया कुमार, हरप्रीत कौर उप्पल, सतवीर कौर, वरिंदर जस, डॉ. जीवन संधेर, जस अठवाल व गुरिंदर सिंह जोसन पहली बार सांसद बने हैं।
ब्रिटेन की संसद में मुखर रहे हैं ये सांसद
तनमनजीत सिंह ढेसी और प्रीत कौर गिल सिखों के व अन्य मुद्दों पर ब्रिटेन की संसद में मुखर रहे हैं। किरिथ अहलूवाली 16,000 से अधिक वोटों के साथ बोल्टन नॉर्थ ईस्ट की पहली महिला सांसद बनीं। सोनिया कुमार डडली संसदीय सीट से पहली महिला सांसद चुनी गई हैं। हरप्रीत कौर उप्पल ने हडर्सफील्ड संसदीय सीट जीतकर पहली बार संसद में प्रवेश किया। सतवीर कौर ने साउथेम्प्टन टेस्ट सीट 15,945 वोटों से जीती, वरिंदर जस ने वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट संसदीय सीट से 8,000 वोटों से जीत हासिल की। डॉ. जीवन संधेर व जस अठवाल ने क्रमशः लॉफबोरो और इलफोर्ड साउथ संसदीय सीटों से जीत हासिल की। गुरिंदर सिंह जोसन स्मेथविक से जीत हासिल करके पहली बार सांसद बने।
लोगों को धन्यवाद कहा
अपनी जीत पर ढेसी ने ‘एक्स’ पर लिखा-‘अच्छे लोगों द्वारा उनके सांसद के रूप में पुनः चुने जाने पर बहुत सम्मान मिला। जनता ने लेबर सरकार को लाकर बदलाव, एकता व प्रगति के लिए वोट दिया। जनता की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा। उन सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं जिनके प्रयासों और टीमवर्क ने इसे संभव बनाया।’ प्रीत कौर गिल ने भी एक्स’ पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए लिखा-‘बर्मिंघम एजबेस्टन के लिए पुनः सांसद के रूप में चुने जाने पर मुझे बहुत सम्मान व सौभाग्य मिला। मुझ पर विश्वास करने वाले सभी लोगों का आभार। मैं उन लोगों और स्थान की सेवा करना जारी रखूंगा जिनसे मैं प्यार करती हूं।’
बिहार में जन्मे कनिष्क नारायण इंग्लैंड में बने एमपी
बिहार के मुजफ्फरपुर शहर से जुड़े कनिष्क नारायण इंग्लैंड में एमपी बने हैं। वह यूके (यूनाइटेड किंगडम) के वेल्स से लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप सांसद निर्वाचित हुए हैं। कनिष्क के चाचा और एसकेजे ला कालेज के निदेशक जयंत कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कनिष्क के पिता संतोष कुमार और माता चेतना सिन्हा दोनों यूके के वेल्स के कार्डिफ में सालिसिटर हैं। उनका मूल निवास दामूचक स्थित सोधों हाउस है। कनिष्क नारायण ने ब्रिटेन में रहने वाले एशियाई मूल के अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि की छात्रवृत्ति के साथ इटेन, आक्सफोर्ड व स्टैनफोर्ड अमेरिका से पढ़ाई पूरी की। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद कनिष्क ने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। फिर सिविल सर्विस में आ गए।
कनिष्क ने लोकसेवक के रूप में डेविड कैमरन के साथ किया कार्य
सिविल सेवा के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। कनिष्क ने लोकसेवक के रूप में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ पर्यावरण विभाग में कार्य किया। वहीं लिजट्स के अधीन भी कार्य करने का अवसर मिला। जयंत कुमार ने बताया कि करीब 22 वर्ष पहले उनके भाई लंदन चले गए। उस वक्त भतीजे कनिष्क नारायण की उम्र करीब 12 वर्ष थी। करीब दो महीने पहले ही लंदन से पूरा परिवार यहां पूजा में आया था। उनका अपनी जन्मभूमि से गहरा नाता है।
ब्रिटेन में जीते भारतीय मूल के सांसदों का भारत से रिश्ता
नवेंदु मिश्र, स्टाकपोर्ट सीट से लेबर पार्टी के सांसद, जन्म: कानपुर, उत्तर प्रदेश
कनिष्क नारायण, वेल्स से लेबर पार्टी के सांसद, जन्म: मुजफ्फरपुर, बिहार
तमनजीत सिंह ढेसी, लेबर पार्टी से बर्मिंघम एजबेस्टन के सांसद, जड़ें: जालंधर, पंजाब
प्रीत कौर गिल, लेबर पार्टी से सांसद, जड़ें, जालंधर, पंजाब
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