UP by-election: योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों संग बनाई रणनीति, उपचुनाव में विपक्ष को मात देने के लिए जिम्मेदारी तय

लखनऊ, बीएनएम न्यूजः उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई, जिसमें सरकार व संगठन के लोग शामिल हुए। बैठक में एक सीट की जिम्मेदारी तीन मंत्रियों को दी गई हैं। बैठक के बाद बाहर निकले कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई और सभी की जिम्मेदारी तय की गई।

बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने सभी मंत्रियों को अपने प्रभारी क्षेत्र में जब तक चुनाव समाप्त न हो जाएं दो दिन-रात्रि विश्राम के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की तरफ से सभी प्रभारी मंत्रियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि हर एक ग्रुप को कार्यकर्ताओं के साथ बात करनी है और सबसे ज्यादा फोकस बूथ को मजबूत करने में करना है।

बता दें, लोकसभा चुनाव में सांसद बने 9 विधायकों की सीटों समेत सीसामऊ सीट पर उप चुनाव होना है। सपा विधायक के अयोग्य घोषित होने से सीसामऊ सीट रिक्त हुई है। जिन 9 सीटों पर उप चुनाव होने हैं, उनमें मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद सदर, मीरापुर, खैर और कुंदरकी शामिल हैं।

 

क्रम संख्या विधानसभा प्रभारी मंत्री (कैबिनेट)  प्रभारी (राज्यमंत्री)
1 मीरापुर अनिल कुमार सोमेंद्र तोमर, केपी मलिक
2 कुंदरकी धर्मपाल सिंह जेपीएस राठौर, जसवंत सिंह और गुलाब देवी
3 गाजियाबाद सुनील शर्मा  बृजेश सिंह, कपिलदेव अग्रवाल
4 खैर (एससी) लक्ष्मीनारायण चौधरी संदीप सिंह
5 करहल जयवीर सिंह, योगेंद्र उपाध्याय अजीत पाल सिंह
6 शीशामऊ सुरेश खन्ना नितिन अग्रवाल
7 फूलपुर राकेश सचान  दयाशंकर सिंह
8 मिल्कीपुर (एससी) सूर्यप्रताप शाही मयंकेश्वर सिंह, गिरीश यादव और सतीश शर्मा
9 कटेहरी स्वतंत्र देव सिंह, संजय निषाद दयाशंकर सिंह
10 मझवां अनिल राजभर, आशीष पटेल रविंद्र जायसवाल, रामकेश निषाद

बता दें कि लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली पराजय के बाद पार्टी इन उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल कर संदेश देना चाहती है कि भाजपा की पकड़ अभी भी यूपी के मतदाताओं पर मजबूत है। इन चुनाव को विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

भाजपा में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।

योगी आदित्यनाथ ने 15 मंत्रियों की बनाई टीम

बीते दिनों मुख्यमंत्री ने अपने 15 मंत्रियों को बुलाकर 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर एक टीम बनाई थी। इसमें दो-दो मंत्रियों को सभी 10 विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी चयन और जमीनी हालात की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को देने का निर्देश दिया गया था।

5-5 सीट NDA और सपा का कब्जा

जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है. उनमें से 5 सीट पर सपा का कब्जा था। बची हुई 5 में से बीजेपी के पास 3, निषाद पार्टी और आरएलडी के पास एक-एक सीट थी। करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर मीरापुर, फूलपुर, मझवा और सीसामऊ सीटों पर उपचुनाव होना है।

इन सीटों पर भाजपा के लिए फाइट

करहल- करहल से अखिलेश यादव विधायक थे, अब कन्नौज से सांसद हैं। अखिलेश यादव अपने भतीजे तेजप्रताप को लड़ाने की तैयारी में हैं।

मिल्कीपुर- अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा ऐसी सीट है, जहां 9 बार से अवधेश प्रसाद विधायक रहे हैं। और इस बार सांसद बने हैं। समाजवादी पार्टी उनके बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव लड़ा सकती है।

सीसामऊ- कानपुर की सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के सज़ायाफ्ता होने से खाली हुई है, यह समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक है, जहां इस बार सपा इरफान सोलंकी के परिवार से किसी को टिकट दे सकती है।

कुंदरकी- मुरादाबाद की कुंदरकी सीट संभल लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है, लेकिन मुस्लिम बहुल होने की वजह से यह सीट समाजवादी पार्टी की गढ़ मानी जाती है। जियाउर रहमान वर्क यहां से विधायक थे, जो इस बार संभल की सीट से सांसदी जीतकर आए हैं। ऐसे में 60 फीसदी मुस्लिम बाहुल्य वाली इस सीट पर भाजपा के लिए जीतना थोड़ा मुश्किल है।

कटहरी- कटहरी अंबेडकरनगर की सीट है, जहां से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक लालजी वर्मा विधायक थे और इस बार अंबेडकर नगर से सपा के सांसद बन गए। अब लालजी वर्मा अपनी बेटी छाया वर्मा को यहां से चुनाव लड़ाना चाहते हैं और ये सीट भी बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है।

मीरापुर- मुजफ्फरनगर की मीरापुर जीतना भी भाजपा के लिए आसान नहीं है। 2022 में आरएलडी, सपा गठबंधन ने यह सीट जीती थी, चंदन चौहान जो सपा और आरएलडी के गठबंधन में जीती थी। चंदन चौहान जो सपा और आरएलडी के गठबंधन में जीतकर विधायक बने थे, इस बार भाजपा-आरएलडी गठबंधन से बिजनौर से सांसद हो गए हैं, लेकिन यह सीट मुस्लिम बहुल होने की वजह से भाजपा के लिए आसान नहीं है।

फूलपुर- फूलपुर विधानसभा से 2022 में भाजपा जीती थी, जहां से प्रवीण पटेल विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन इस बार भाजपा ने प्रवीण पटेल को फूलपुर से सांसदी तो जीत ली, लेकिन प्रवीण फूलपुर की विधानसभा से हार गए।

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