यूपी कैबिनेट के जनता से जुड़े 5 बड़े फैसले, बिना नॉमिनी हो सकेगा ग्रेच्युटी का भुगतान

राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक
लखनऊ, बीएनएम न्यूज। UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने सोमवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनका सीधा संबंध आम जनता से है। इनमें शिक्षकों की तबादला नीति में बदलाव और ग्रेच्युटी के भुगतान नियमों में संशोधन शामिल हैं।
शिक्षकों की तबादला नीति में बदलाव
सरकार ने 331 एडेड कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के लिए तबादला नीति में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। अब शिक्षकों को पांच साल की न्यूनतम सेवा की आवश्यकता के बजाय केवल तीन साल की सेवा के बाद तबादले का अवसर मिलेगा। यह निर्णय शिक्षकों के लिए उनकी कार्यस्थल परिवर्तन की प्रक्रिया को आसान बनाएगा, जिससे उन्हें बेहतर अवसर मिल सकेंगे।
ग्रेच्युटी के भुगतान नियमों में बदलाव
सरकार ने उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट्स रूल्स 1961 में भी संशोधन का प्रस्ताव पारित किया है। इस नए नियम के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए या सेवानिवृत्ति के बाद होती है और उसने कोई नामिनी नहीं बनाया है, तो उसकी ग्रेच्युटी का भुगतान उस व्यक्ति को किया जाएगा जिसके पक्ष में न्यायालय द्वारा उत्तराधिकार प्रमाण पत्र दिया गया हो। पहले, ऐसी स्थिति में ग्रेच्युटी की राशि सरकारी खजाने में चली जाती थी। अब इस संशोधन से हजारों लोगों को लावारिस धनराशि प्राप्त होने की उम्मीद है।
बाल संरक्षण गृहों की स्थापना
मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के तहत, सरकार ने लखनऊ समेत 10 शहरों में बाल संरक्षण गृह खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। बाल संरक्षण गृह लखनऊ, अयोध्या, अमेठी, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, फिरोजाबाद, बस्ती, झांसी और कानपुर देहात में खोले जाएंगे। प्रमुख सचिव महिला कल्याण, लीना जौहरी ने बताया कि प्रत्येक संरक्षण गृह में बालक और बालिका के लिए एक-एक स्थान होगा, साथ ही किशोर न्याय बोर्ड और प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह भी बनाए जाएंगे। निर्माण के लिए बजट का 60 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के तहत उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि बाकी का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।
निजी विश्वविद्यालयों के लिए नए अवसर
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि अन्य राज्यों में पंजीकृत सोसायटी और न्यास अब उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय स्थापित कर सकेंगे। इस निर्णय के तहत उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि यह कदम शिक्षकों और छात्रों के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। इसके साथ ही, विदेशी विश्वविद्यालयों को प्रदेश में अपने परिसरों की स्थापना की अनुमति देने का प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिससे प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा।
लोन के लिए सरकारी गारंटी
कैबिनेट ने पीसीएफ (उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन) और पीसीयू (उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन) को राष्ट्रीयकृत बैंकों से अल्पकालिक ऋण लेने के लिए सरकारी गारंटी देने का भी निर्णय लिया है। पीसीएफ के लिए 4000 करोड़ रुपये और पीसीयू के लिए 1000 करोड़ रुपये की गारंटी दी गई है। यह कदम धान खरीद में सहायक होगा और कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा।
इन निर्णयों से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा, बाल कल्याण और कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में सक्रिय है। इन पहलों का उद्देश्य न केवल कर्मचारियों और छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों के लिए भी सहारा बनना है। सरकार की यह योजनाएं उत्तर प्रदेश के विकास में एक नई गति देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी।
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