हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव: 2 चरणों में संपन्न होंगे, 4 फरवरी से पहले कराने की तैयारी
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana News: हरियाणा में शहरी निकायों के चुनाव 2 चरणों में होंगे। सरकार की मंजूरी के बाद राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पहले चरण में 3 नगर निगमों, 3 नगर परिषदों और 21 नगर पालिकाओं में चुनाव कराए जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग का लक्ष्य 4 फरवरी 2024 से पहले इन चुनावों को संपन्न कराना है।
पहले चरण में नगर निगम, परिषद और पालिकाओं के चुनाव
पहले चरण में जिन नगर निगमों में चुनाव होंगे, उनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर शामिल हैं। मानेसर में यह पहला मौका होगा जब नगर निगम के चुनाव होंगे, क्योंकि यह निगम 2020 में बना था। इसके अलावा 3 नगर परिषदें अंबाला सदर, पटौदी और सिरसा भी पहले चरण में शामिल हैं।
नगर पालिकाओं की बात करें तो इस चरण में बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फर्रुखनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर नगर पालिकाओं में चुनाव होंगे। कालांवाली नगर पालिका का मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए वहां दूसरे चरण में चुनाव कराए जाने की संभावना है।
दूसरे चरण के नगर निगम और परिषदें
दूसरे चरण में 5 नगर निगमों और 1 नगर परिषद के चुनाव होंगे। इन नगर निगमों में करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, थानेसर नगर परिषद और कालांवाली नगर पालिका में भी चुनाव इसी चरण में कराए जाएंगे।
मेयर के उपचुनाव
सोनीपत और अंबाला नगर निगमों में मेयर के उपचुनाव भी आयोजित किए जाएंगे। सोनीपत के मेयर निखिल मदान और अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा के क्रमशः विधायक बनने के बाद यह पद खाली हो गए थे। अब इन दोनों नगर निगमों में नए मेयर का चुनाव होगा।
वोटर लिस्ट की प्रक्रिया
राज्य चुनाव आयोग ने शहरी निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वोटर लिस्ट को वार्डों में बांटने का कार्य 9 दिसंबर से 16 दिसंबर तक किया जाएगा। इन सूचियों का प्रकाशन 17 दिसंबर को होगा।
इसके बाद 23 दिसंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। संबंधित रिवाइजिंग अथॉरिटी जैसे एसडीएम, डीआरओ और नगराधीश 27 दिसंबर तक इन आपत्तियों का निपटारा करेंगे। यदि किसी मतदाता को उनके निर्णय से असहमति होती है, तो वे 31 दिसंबर तक उपायुक्त (DC) के पास अपील कर सकते हैं। उपायुक्त 3 जनवरी तक इन अपीलों का निपटारा करेंगे। अंततः 6 जनवरी 2024 को अंतिम मतदाता सूची जारी की जाएगी।
हाईकोर्ट का निर्देश
हरियाणा चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को 4 फरवरी से पहले चुनाव कराने का निर्देश दिया है। यदि किसी कारणवश यह समयसीमा पूरी नहीं हो पाती है, तो चुनाव आयोग हाईकोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग करेगा।
चुनाव में देरी के कारण
राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने शहरी निकाय चुनावों में हुई देरी का स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण केंद्रीय चुनाव आयोग से मतदाता सूचियां समय पर प्राप्त नहीं हो सकीं। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा वार्डों का नए सिरे से निर्धारण, आरक्षण नीति में बदलाव और बीसीबी वर्ग के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के कारण भी चुनाव में विलंब हुआ।
शहरी निकाय चुनाव का महत्व
हरियाणा के शहरी निकाय चुनाव राज्य में महत्वपूर्ण माने जाते हैं, क्योंकि ये स्थानीय प्रशासन की नीतियों और योजनाओं को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन चुनावों से न केवल नगर निगम, परिषद और पालिकाओं के नेतृत्व का चयन होगा, बल्कि शहरी विकास और नागरिक सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि इन चुनावों के परिणाम आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए संकेतक हो सकते हैं। राज्य में शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं का झुकाव राजनीतिक दलों की रणनीतियों पर भी निर्भर करेगा।
व्यापक तैयारियां
हरियाणा में शहरी निकाय चुनावों को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने व्यापक तैयारियां की हैं। 2 चरणों में होने वाले इन चुनावों में 3 नगर निगम, 3 नगर परिषद और 21 नगर पालिकाओं के साथ-साथ मेयर पद के उपचुनाव भी शामिल हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इन चुनावों का नतीजा प्रदेश की राजनीतिक दिशा को कैसे प्रभावित करता है।
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