अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तय किया पहले दिन का एजेंडा, दिखा सकते हैं कड़ा रुख

वाशिंगटन : अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संभावित कार्यकाल की रूपरेखा को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि उनके फैसले कठोर और निर्णायक होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि वह तानाशाह नहीं बनेंगे, फिर भी उनके पहले दिन के फैसले कई लोगों को तानाशाही जैसा प्रतीत हो सकते हैं। ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकताओं में कठोर नीतियों का पालन करना शामिल होगा, जो उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और उनके आलोचकों के लिए चिंताजनक हो सकता है।

पहला दिन: फैसले त्वरित और निर्णायक होंगे

डोनाल्ड ट्रंप जनवरी में शपथ ग्रहण करने के बाद व्हाइट हाउस में अपने पहले दिन कई बड़े फैसले लेने की योजना बना रहे हैं। उनके एजेंडे में सबसे ऊपर प्रवासियों का बड़े पैमाने पर निर्वासन शामिल है। ट्रंप ने घोषणा की है कि वह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, “हम इन अपराधियों को जेल में डालेंगे और फिर उन्हें जितनी जल्दी हो सके हमारे देश से बाहर निकाल देंगे।” इसके लिए वे एलियन एनिमीज एक्ट लागू करने की योजना बना रहे हैं, जो 1798 में पारित एक कानून है। यह कानून राष्ट्रपति को अधिकार देता है कि वह किसी भी गैर-अमेरिकी नागरिक को निर्वासित कर सकते हैं यदि उसे देश के लिए खतरा माना जाए। हालांकि, लगभग एक करोड़ दस लाख लोगों का निर्वासन करना आसान नहीं होगा और यह कार्य बेहद जटिल हो सकता है।

जैक स्मिथ की बर्खास्तगी और कानूनी चुनौतियों का सामना

ट्रंप ने कहा कि पदभार ग्रहण करने के दो सेकंड के भीतर वह विशेष वकील जैक स्मिथ को बर्खास्त कर देंगे। स्मिथ वह व्यक्ति हैं जिन्होंने ट्रंप पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने और फ्लोरिडा में उनके मार-ए-लागो एस्टेट में अवैध रूप से वर्गीकृत दस्तावेज रखने के आरोप लगाए थे। ट्रंप का यह बयान उनके इरादों की स्पष्टता को दर्शाता है कि वह अपने ऊपर लगे कानूनी मामलों से सख्ती से निपटने वाले हैं।

न्यूयॉर्क में पैसे देकर चुप कराने के मामले में उनके खिलाफ लगे आरोपों के लिए ट्रंप खुद को क्षमा नहीं कर सकते। हालांकि, वे अपने राष्ट्रपति के दर्जे का लाभ उठाकर सजा से बचने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं, जॉर्जिया का मामला, जिसमें ट्रंप पर चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप है, 2029 तक खिंच सकता है। यह मामला भी उनकी राष्ट्रपति पद की प्राथमिकताओं को प्रभावित कर सकता है।

क्षमादान: कैपिटल हिल्स दंगे के आरोपियों के लिए राहत

ट्रंप ने यह भी घोषणा की है कि वह छह जनवरी 2021 को कैपिटल हिल्स में हुए दंगे के आरोपियों को क्षमादान देंगे। यह दंगा उस समय हुआ था जब ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी कांग्रेस पर हमला किया था, जिसे लोकतंत्र पर हमला कहा गया। इस कदम से ट्रंप अपने समर्थकों को एकजुट रखने का प्रयास करेंगे, जो 2020 के चुनाव नतीजों को लेकर उनके साथ खड़े रहे।

रूस-यूक्रेन युद्ध को सुलझाने का दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार यह दावा किया है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को एक दिन में समाप्त कर सकते हैं। उनका मानना है कि दोनों देशों के नेताओं को बातचीत की मेज पर लाकर वह इस संकट को हल कर सकते हैं। ट्रंप के समर्थक इसे उनकी कुशल कूटनीति के रूप में देखते हैं, जबकि आलोचकों का कहना है कि यह दावा हकीकत से कोसों दूर है।

चीन और आयातित वस्तुओं पर टैरिफ

अपने पूरे चुनाव अभियान के दौरान ट्रंप ने यह भी वादा किया कि वह चीन से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाएंगे। यह उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है। ट्रंप का मानना है कि इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए उन्हें संभवतः अमेरिकी संसद की मंजूरी की भी जरूरत नहीं होगी, जो उन्हें इस नीति को तेजी से लागू करने की क्षमता प्रदान करेगी।

पर्यावरण संरक्षण पर नीतियों में बदलाव

पर्यावरण संरक्षण की नीतियों को लेकर भी ट्रंप के इरादे साफ हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए बनाई गई नीतियों को पलटने का संकल्प लिया है। ट्रंप का कहना है कि वह जीवाश्म ईंधनों का उत्पादन बढ़ाएंगे और पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाए गए कई नियमों को समाप्त करेंगे। कार्यकारी आदेशों के माध्यम से वह यह बदलाव कर सकते हैं, जिससे उनकी नीतियों का प्रभाव तेजी से दिखाई देगा।

राष्ट्रपति पद की शक्ति का इस्तेमाल

 

डोनाल्ड ट्रंप की कार्यशैली और उनके इरादे स्पष्ट करते हैं कि वह अपनी राष्ट्रपति शक्तियों का भरपूर इस्तेमाल करेंगे। हालांकि, आलोचक यह भी सवाल उठाते हैं कि क्या उनके ये फैसले अमेरिकी लोकतंत्र को कमजोर करेंगे या फिर उनकी “अमेरिका फर्स्ट” नीति को बढ़ावा देंगे। ट्रंप के समर्थक उनकी नीतियों को दृढ़ और साहसिक मानते हैं, जबकि उनके विरोधी इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा मानते हैं।

कई बदलावों का गवाह बनेगा

डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल यदि उन्हें मौका मिलता है, तो वह अमेरिकी राजनीति में कई बदलावों का गवाह बनेगा। उनकी नीतियों और निर्णयों से न केवल अमेरिका, बल्कि वैश्विक राजनीति भी प्रभावित होगी। प्रवासियों का निर्वासन, कानूनी मामलों का निपटारा, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में हस्तक्षेप और पर्यावरण संरक्षण की नीतियों में बदलाव उनके एजेंडे का प्रमुख हिस्सा होंगे। अब यह देखना होगा कि ट्रंप अपने वादों को किस हद तक पूरा कर पाते हैं और उनके इन फैसलों का अमेरिका और बाकी दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

 

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