फसलों पर कीटनाशक छिड़काव में ड्रोन का इस्तेमाल, जानें-किसानों को क्या-क्या है फायदा, कैसे मिलेगा यह
नरेन्द्र सहारण, कैथल: Use Of Drones In Farming: बीते कुछ वर्षों से खेती में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ते जा रहा है। नई तकनीकों के इस्तेमाल से किसानों की आमदनी बढ़ रही है। ऐसी ही एक तकनीक है कृषि ड्रोन, खेती-किसानी में इसका इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। किसानों के बीच इस तकनीक को अपनाने में केंद्र सरकार भी मदद कर रही है, ताकि इसके इस्तेमाल से बेहतर उपज के साथ ही किसानों की आय बढ़े।
हालांकि देश में अभी भी ज्यादातर किसान ऐसे हैं जो इसके ज्यादा दाम की वजह से इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि फसलों पर कीटनाशक छिड़कने का ड्रोन कितने रुपये में आता है।
खेती में ड्रोन का इस्तेमाल
कीटनाशक और खाद के छिड़काव के साथ-साथ फसलों की बुवाई के लिए एग्री ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। ड्रोन टेक्नोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शामिल होने से फसल की मॉनिटरिंग भी की जाती है. वहीं ड्रोन से छिड़काव करने से पानी, श्रम और पूंजी की बर्बादी नहीं होती है। ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने से किसानों के स्वास्थ्य पर भी कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
किसानों को कैसे मिलेगा ड्रोन?
वैसे तो वर्तमान समय में सभी किसानों के लिए ड्रोन खरीद पाना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये काफी महंगे हैं। 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख रुपये के करीब है। हालांकि बाजारों में ऐसी कई कंपनियां आ गई हैं, जो एग्री ड्रोन सर्विस प्रोवाइड करती हैं। यानी अगर आप अपने खेत में कीटनाशकों का छिड़काव कराना चाहते हैं या फसल की मॉनिटरिंग करना चाहते हैं, तो बस एक फोन कॉल से कंपनियों की मदद ले सकते हैं। ये कंपनियां प्रति एकड़ के हिसाब से आपके खेतों में ड्रोन से छिड़काव करा देंगी। खाद बनाने वाली कंपनी इफको ने हाल ही में 2500 ड्रोन खरीदने का ऑर्डर दिया है, ताकि किराये पर देकर नैनो यूरिया और डीएपी का स्प्रे करने में किसानों की मदद की जा सके।
ड्रोन पर कितनी सब्सिडी
- ड्रोन खरीदने पर अलग-अलग श्रेणी के लोगों के लिए सब्सिडी अलग-अलग है। इस 100 फीसदी तक की भी छूट है, लेकिन यह सुविधा कर किसी के लिए नहीं उपलब्ध है।
- एससी, एसटी वर्ग के किसानों, छोटे एवं सीमांत किसानों, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये तक की सब्सिडी का प्रावधान है।
- देश के अन्य किसानों को 40 प्रतिशत या अधिकतम 4 लाख रुपये तक का और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी कृषि मशीनीकरण उप-मिशन के तहत मिलेगी।
- कृषि विश्वविद्यालयों, सरकारी कृषि रिसर्च सेंटरों, कृषि ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और कृषि विज्ञान केंद्रों को ड्रोन खरीदने पर सौ फीसदी सब्सिडी मिलेगी। यानी उन्हें ड्रोन निशुल्क उपलब्ध करवाने की व्यवस्था है।
किसानों को क्या-क्या है फायदा
एग्री ड्रोन किसानों का काम आसान करेगा। क्योंकि इसके माध्यम से फसलों पर कीटनाशकों और उर्वरकों का स्प्रे काफी आसान कर दिया गया है। ड्रोन कारोबार करने वाली कंपनियों की ओर से दावा किया जा रहा है कि पहले ढाई घंटे में एक एकड़ में स्प्रे होता था वहीं अब यह काम मात्र 7 मिनट में संभव हो गया है।
ड्रोन से छिड़काव की कीमत
एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां 500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सामान्यतः यह काम करती हैं। अगर कोई किसान ड्रोन खरीदना चाहता है तो 10 लीटर क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 6 से 10 लाख रुपये के बीच है। इसके बाद ड्रोन उड़ाने के लिए किसान को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग भी लेनी होगी। आप इसके लिए ड्रोन की कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर खेती में मदद वाले ड्रोन की जानकारी आसानी से ले सकते हैं।
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