Uttarkashi Tunnel rescue: भारी मशीनों से रातभर चली ड्रिल, 41 जिंदगियों के और करीब पहुंचीं रेस्क्यू टीमें

उत्तरकाशी, BNM News: Uttarkashi Tunnel Rescue Update– उत्तराखंड की उत्तरकाशी टनल में 41 मजदूरों के फंसे होने का आज 11वां दिन हैं। (Rescue Operation November 22 Update) रेस्क्यू ऑपरेशन की सबसे बड़ी उम्मीद अब ऑगर मशीन है। बुधवार को ऑगर मशीन की ड्रिलिंग में सफलता मिली। ऑगर मशीन के सामने रुकावट नहीं आई। अब तक ऑगर मशीन से 27 मीटर ड्रिलिंग करके 800 एमएम का पाइप टनल में डाला जा चुका है। रेस्क्यू में जुटे एक्सपर्ट का कहना है कि अगर ऑगर मशीन के सामने रुकावट नहीं आई तो रेस्क्यू 2-3 दिन में पूरा हो सकता है।

सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात यहां ड्रिलिंग हुई। वहीं, अंदर फंसे मजदूरों ने नमक की मांग की है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग के अलावा रेस्क्यू के दूसरे प्लान पर भी काम किया जा रहा है। टनल में वर्टिकल ड्रिलिंग आज से शुरू हो सकती है। ओडिशा और गुजरात से आने वाली वर्टिकल ड्रिलिंग मशीनों के भी पहुंचने की उम्मीद। टनल की साइड से ड्रिफ्ट कर भी रास्ता बनाया जा रहा है। इसमें 10-12 दिन लगने की उम्मीद है। वहीं, डंडालगांव की ओर से छोटे ब्लास्ट कर ड्रिलिंग की जा रही है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने मंगलवार को दावा किया कि ढाई दिनों के अंदर मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला जा सकता है। इसके लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सरकार 5 अलग-अलग विकल्पों पर काम कर रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो अगले 72 घंटों के अंदर सभी मजदूर टनल से बाहर होंगे।

32 मीटर तक डाले जा चुके पाइप

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन अब तक 32 मीटर तक ड्रिल कर चुकी है। इसमें 800 एमएम व्यास के पाइप डाले गए हैं। कुल 60 मीटर तक ड्रिल कर पाइप डाले जाने हैं। रेस्क्यू टीमों ने 40 एंबुलेंस बुलाई हैं। आपातकालीन सेवा 108 को अलर्ट पर रखा गया है। ऑपरेशन के कल तक खत्म होने की संभावना है। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब तक सरकार थाईलैंड और नॉर्वे के एक्सपर्ट की मदद ले चुकी है। कई इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट भी मजदूरों को निकालने में अपना अनुभव साझा कर रहे हैं।लेकिन अभी भी रेस्क्यू टीम के सामने कई चुनौतियां पहाड़ की तरह खड़ी हैं। राहत कार्य में जुटीं एजेंसियाों का कहना है कि वो मलबा चीरकर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालकर ही चैन की सांस लेंगी। दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि NHIDCL ने सिल्कयारा छोर से हॉरिजेंटल बोरिंग ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया है जिसमें एक बरमा मशीन शामिल है।

पाइप के जरिए हर घंटे भेजा जा रहा खाना

रसोइया संजीत राणा ने बताया कि डॉक्टर की देखरेख में कम तेल और मसालों के साथ भोजन तैयार किया जा रहा है। ताकि यह आसानी से पच सके। श्रमिकों को रात में खाने के 150 पैकेट भेजे गए। उन्होंने बताया कि दिन में फल भेजे गये थे। मजदूरों को हर एक घंटे में खाना दिया जा रहा है। सुबह फल भेजे गए थे, खिचड़ी, दलिया, साबूदाना, सोयाबीन बोतल में भरकर मजदूरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। मजदूरों तक 6 इंच चौड़ी पाइप लाइन पहुंच गई है।

तीन मोर्चे से मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश

  • उत्तरकाशी में 10 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सरकार और एजेंसियां दिन रात एक किए हैं। मजदूरों के रेस्क्यू के लिए तीन तरफ से ड्रिलिंग का प्लान है। सिलक्यारा और बड़कोट यानी सुरंग के दोनों ओर से ड्रिलिंग हो रही है। इसके अलावा वर्टिकल खुदाई भी जारी है।
  • सिलक्यारा छोर से मजदूर अंदर गए थे। इस छोर से 2340 मीटर की सुरंग बन चुकी है। इसी हिस्से में 200 मीटर की दूरी पर मलबा गिरा है। मलबा करीब 60 मीटर लंबाई में है। यानी मजदूर 260 मीटर दूर फंसे हैं। लेकिन मजदूरों के पास मूव करने के लिए दो किलोमीटर का इलाका है। 50 फीट चौड़ी रोड और दो किलोमीटर लंबाई में वो मूव कर सकते हैं।
  • इसी 60 मीटर मलबे में से 24 मीटर से ज्यादा ड्रिलिंग हो चुकी है. यानी करीब 36 मीटर हिस्सा भेदना है, जहां दिक्कत आ रही है, क्योंकि कुछ चट्टानें भी गिरी हैं. बड़कोट के दूसरे छोर पर 1740 फीट सुरंग बन चुकी है. अब यहां से ड्रिलिंग शुरू हुई है. लेकिन यहां से 480 मीटर तक ड्रिलिंग करनी होगी, तब जाकर मजदूरों तक पहुंच पाएंगे।
  • पहाड़ के ऊपर से सीधी खुदाई कर प्लेटफॉर्म बनाने का काम आज पूरा होगा, SJVNL के पास 45 मीटर तक मशीनें पहुंच चुकीं हैं, लेकिन खुदाई 86 मीटर होनी है।
  • सुरंग के बड़कोट मुहाने से रेस्क्यू टनल बनाई जा रही है, अगर रेस्क्यू के बाकी प्लान फेल हो गए तो इससे मजदूरों को निकाला जाएगा, ये टनल 8 मीटर से ज्यादा तक बन चुकी है।

टनल में फंसे हैं 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे

उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर फंसे हैं। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क’ (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है। ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए 10 दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है। लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली।

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