कैथल में तेज बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसलें बर्बाद, किसानों ने मांगा मुआवजा

नरेन्द्र सहारण, कैथल : हरियाणा के कैथल जिले में पिछले गुरुवार को मौसम ने अचानक ही दिशा बदली, जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गईं। सीवन,कलायत क्षेत्र में दोपहर के समय तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत को बर्बाद कर दिया। इस प्राकृतिक आपदा के फलस्वरूप, कई खेतों में पानी भर गया और ओलों की मार से गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें प्रभावित हुईं। तेज हवाओं के साथ बारिश के कारण, खेतों में खड़ी फसलें झुक गईं और कई स्थानों पर फसलें टूटकर गिर गईं।
कृषि पर पड़े गंभीर प्रभाव
किसान इससे पहले ही मौसम में हुए परिवर्तनों से चिंतित थे, जिसने उनकी फसल को पहले ही प्रभावित किया था। वे कहते हैं कि पिछले कुछ समय से मौसम में अप्रत्याशित बदलाव के कारण उनकी फसलें ठीक से विकसित नहीं हो पा रही थीं। अब ओलावृष्टि ने उनकी मेहनत पर एक बार फिर पानी फेर दिया है। प्रभावित किसान अपने अनुभव शेयर करते हैं और बताते हैं कि महत्वपूर्ण फसलों का नुक़सान उनके लिए आर्थिक संकट ला सकता है।
एक किसान ने कहा, “हमने पूरे साल मेहनत की है, लेकिन अब हमारा सारा प्रयास बर्बाद हो गया है। हमें सरकार से जल्द मुआवजा चाहिए, ताकि हम अपनी आर्थिक स्थिति को संभाल सकें।”
सरकारी मुआवजे की आस
किसानों ने प्रशासन से इस प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुक़सान का दायरा देखने और मुआवजे की मांग की है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी इस स्थिति की गंभीरता को समझते हुए इस नुकसान का सर्वेक्षण करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों ने कहा कि वे जल्द ही सरकार को इस मामले में रिपोर्ट भेजेंगे। यह राहत की बात है, लेकिन किसानों का मानना है कि प्रशासन की कार्रवाई में हो रही देरी से उनकी समस्या और बढ़ सकती है।
किसान नेता भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने लगे हैं। एक किसान नेता ने कहा, “सरकार को गति से मुआवजे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए और प्रभावित किसानों के लिए उचित योजनाएं बनानी चाहिए। हमें अपनी फसलें फिर से उगाने का मौका देने की जरूरत है।”
अगली चेतावनी का सामना
मौसम विभाग ने भी चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में फिर से तेज बारिश और हवाओं के आने की संभावना है। ऐसे में, किसानों को अपने खेतों में जलभराव से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तनों ने किसानों के लिए पहले ही कई समस्याओं को बढ़ा दिया है। अब ताजा चेतावनी से किसानों की चिंता और भी बढ़ गई है।
भविष्य की तैयारियां
किसानों की इस मुश्किल घड़ी में, सरकार द्वारा उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। कई किसान अब अपनी सुरक्षा के लिए संभावित क्षति से जुड़े कदम उठाना चाह रहे हैं। इसलिए वे यह सोच रहे हैं कि क्या उन्हें अपनी फसलों की बीमा करानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और प्राकृतिक आपदा से उनका नुकसान कम से कम हो सके। एक अन्य किसान ने कहा, “हम अब सोच रहे हैं कि हमें अपने फसलों की बीमा करवानी चाहिए। यह हमें मौजूदा स्थिति में कुछ राहत दे सकती है। लेकिन क्या यह सही निर्णय है, यह देखना होगा।”
ग्रामीण समाज का संकट
इस मौसम के अचानक परिवर्तन का असर केवल फसल पर नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण समाज पर पड़ रहा है। किसान परिवारों की आर्थिक स्थिति जैसे-जैसे बिगड़ रही है, वे अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में भी चिंता करने लगे हैं। इस कारण अब कई किसान अपने बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय भी लेने में संकोच कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह चिंता सताती है कि क्या वे उन्हें अच्छे से पढ़ा पाएँगे या नहीं।
एक ग्रामीण ने कहा, “हमारे लिए आज का दिन बहुत दुखदायी है। हम अपनी फसल के लिए मेहनत करते हैं, लेकिन जब मौसम ऐसे ही अचानक बदलता है, तो फिर से सब कुछ बर्बाद हो जाता है। हमें अपने बच्चों का भविष्य भी अनिश्चित लगता है।”
प्रशासनिक नजरें
किसानों की इस स्थिति के बारे में प्रशासन भी गंभीर है, लेकिन उन पर लोगों की प्रतिबद्धता और तात्कालिकता का दबाव भी है। जिला प्रशासन ने नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम बनाई है, जो किसानों की फसलों का जायजा लेगी। हालांकि, इसमें समय लगने की संभावना है, जिससे किसानों की चिंताएँ और बढ़ सकती हैं।
इसके साथ ही, कई किसान संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उचित समय पर मुआवजा नहीं मिला, तो वे विरोध प्रदर्शन को मजबूर होने का संकेत दे सकते हैं। किसान नेताओं का कहना है कि उनकी आवाज़ को सही मंच पर उठाने की आवश्यकता है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
भविष्य के प्रति किसानों की चिंता
हरियाणा के कैथल जिले में हुई ओलावृष्टि और तेज बारिश किसानों की मेहनत पर बुरा प्रभाव डाल चुकी है। उनकी फसलें तबाह हो गई हैं और भविष्य के प्रति उनकी चिंता बढ़ी है। प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, लेकिन अब देखना होगा कि सरकार कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और किसानों को उनकी आवश्यक सहायता प्रदान करती है। किसानों की मेहनत को बचाने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है।
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