हरियाणा में मौसम का कहर: 12 जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि, मंडियों में लाखों टन गेहूं भीगा, 7 मई तक अलर्ट जारी

पानीपत में रविवार रात को तेज बारिश के बीच जीटी रोड पर गुजरते वाहन।
नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Rain: हरियाणा के कई जिलों में रविवार देर रात मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे तेज बारिश और ओलावृष्टि ने दस्तक दी। इस अप्रत्याशित मौसम के बदलाव ने किसानों और व्यापारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, क्योंकि मंडियों में रखा लाखों टन गेहूं भीग गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की चेतावनी जारी की है, जिससे मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
रविवार देर रात हरियाणा के 12 जिलों अंबाला, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, यमुनानगर, रोहतक, सिरसा, फतेहाबाद, सोनीपत और नूंह में तेज बारिश हुई। पानीपत और यमुनानगर में तो ओले भी गिरे, जिससे फसलों और संपत्ति को नुकसान पहुंचा। इस बारिश के कारण मंडियों में खुले आसमान के नीचे रखा हुआ लगभग 15 लाख टन से अधिक गेहूं भीग गया, जिससे किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हरियाणा में मौसम इसी तरह परिवर्तनशील रहने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार, 7 मई तक राज्य के अधिकांश जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश हो सकती है। इस मौसम परिवर्तन के कारण तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। रविवार को राज्य का सबसे गर्म जिला महेंद्रगढ़ रहा, जहां अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
विभिन्न जिलों में मौसम का हाल
राज्य के विभिन्न जिलों में रविवार रात और सोमवार सुबह मौसम का अलग-अलग रूप देखने को मिला:
सोनीपत: सोनीपत में तेज हवा के साथ बिजली चमकी और जोरदार बारिश हुई। इस बारिश के कारण तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई, जिससे मौसम सुहावना हो गया। हालांकि, खेतों में खड़ी फसलों और मंडियों में रखे अनाज को नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।
करनाल (असंध): करनाल के असंध क्षेत्र में तेज आंधी के बाद मूसलाधार बारिश हुई। इस बारिश ने खेतों में पानी भर दिया, जिससे गेहूं की कटी हुई फसल के खराब होने का खतरा मंडरा रहा है।
यमुनानगर: यमुनानगर में रविवार रात तेज आंधी चली, जिसके बाद जोरदार बारिश हुई। यहां ओले भी गिरे, जिससे बागवानी और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा। ओलावृष्टि के कारण सड़कों पर भी पानी जमा हो गया।
पानीपत: पानीपत में आंधी के बाद तेज बारिश शुरू हुई और फिर ओले भी गिरे। ओलावृष्टि के कारण किसानों को अपनी गेहूं की फसल को लेकर काफी चिंता हो रही है, क्योंकि खेतों में कटी हुई फसल भीग गई है और मंडियों में रखा अनाज भी सुरक्षित नहीं है।
अंबाला: अंबाला में रविवार रात गरज चमक के साथ तेज बारिश हुई, जो सोमवार सुबह तक जारी रही। इस बारिश ने शहर के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी, जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी हुई।
फतेहाबाद: फतेहाबाद में तेज आंधी के साथ बिजली चमकी और जोरदार बारिश हुई। इस मौसम परिवर्तन ने किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए जल्द कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है।
बारिश का विस्तृत पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए हरियाणा के विभिन्न जिलों में बारिश की संभावनाओं का विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया है:
5 मई (सोमवार): मौसम विभाग के अनुसार, 5 मई को पूरे हरियाणा में बारिश होने की संभावना है। विशेष रूप से, पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर जिलों में 50 से 75 प्रतिशत तक बारिश की संभावना जताई गई है, जिसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और सोनीपत जिलों में 25 से 50 प्रतिशत तक बारिश की संभावना है, जबकि राज्य के अन्य जिलों में भी 25 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है।
6 मई (मंगलवार): 6 मई को भी प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार जिलों में 25 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है, जबकि अन्य जिलों में 25 से 50 प्रतिशत तक बारिश होने की संभावना है।
7 मई (बुधवार): 7 मई को राज्य के कुछ ही जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल और कैथल जिलों में 25 प्रतिशत बारिश की संभावना है, जबकि अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है।
कृषि विश्वविद्यालय का पूर्वानुमान
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में मौसम आमतौर पर 7 मई तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तर पूर्वी हवाएं चलने की संभावना है।
डॉ. खीचड़ ने बताया कि 7 मई तक लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण बीच-बीच में आंशिक बादल छाए रहने और हल्की से मध्यम गति से हवाएं चलने की संभावना है। इस दौरान राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी और हल्की बारिश भी हो सकती है। इस मौसम परिवर्तन के कारण विशेषकर दिन के तापमान में गिरावट बने रहने की संभावना है, जिससे किसानों को गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन खेतों में खड़ी और कटी हुई फसलों के लिए यह मौसम चिंता का कारण बना हुआ है।
किसानों और व्यापारियों की चिंताएं
अचानक हुई इस बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों और अनाज व्यापारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। मंडियों में खुले आसमान के नीचे रखा लाखों टन गेहूं भीग गया है, जिससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। नमी के कारण गेहूं में फंगस लगने और अंकुरित होने का खतरा बढ़ गया है, जिससे यह बेचने लायक नहीं रहेगा।
किसानों का कहना है कि पहले ही मौसम की मार के कारण फसल कमजोर थी और अब इस बारिश ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वे तत्काल मंडियों में भीगे हुए गेहूं का सर्वे कराएं और उन्हें उचित मुआवजा प्रदान करें। व्यापारियों को भी नुकसान हुआ है, क्योंकि भीगे हुए गेहूं को सुखाने और सुरक्षित रखने के लिए उन्हें अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है।
सरकार की चुनौती
राज्य सरकार के सामने अब यह बड़ी चुनौती है कि वह इस अप्रत्याशित मौसम के कारण किसानों और व्यापारियों को हुए नुकसान का आकलन करे और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करे। मंडियों में भीगे हुए गेहूं को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, जैसे कि तिरपाल की व्यवस्था करना और अनाज को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना। इसके अलावा, किसानों को हुए फसल नुकसान का सही आकलन करके उन्हें उचित मुआवजा देना भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
मौसम विभाग के लगातार अलर्ट को देखते हुए, सरकार को भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। किसानों को भी अपनी फसलों को बचाने के लिए उचित उपाय करने के लिए कहा गया है।
मौसम का मिजाज बदला
हरियाणा के 12 जिलों में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य में मौसम का मिजाज बदल दिया है। इस अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन ने किसानों और व्यापारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, क्योंकि मंडियों में रखा लाखों टन गेहूं भीग गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक इसी तरह का मौसम बने रहने की चेतावनी जारी की है, जिससे चिंताएं और बढ़ गई हैं। सरकार को इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करनी चाहिए और भविष्य में ऐसे नुकसान से बचने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
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