Weather Update: तापमान में आएगी और गिरावट, उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश और हिमपात के आसार
नई दिल्ली, BNM News। Weather Update: उत्तर भारत के तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। इसके साथ कई कोहरे का असर भी देखा जा रहा है। ऐसे में हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में विक्षोभ का दूसरा दौर शुरू होने वाला है। इसके प्रभाव से 3 से 4 दिनों में उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश और हिमपात के आसार बढ़ गए हैं। पिछले 24 घंटे के भीतर तापमान दो डिग्री तक नीचे आ गया है। कोहरे का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसके कारण हाईवे पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। जाहिर है कि पुराने वर्ष की विदाई और नये वर्ष का स्वागत वर्षा, ठिठुरन और कोहरे के बीच होगा।
मौसम साफ होते ही बढ़ेगी सर्दी
भारतीय मौसम विभाग (IMD ) के अनुसार दिसंबर के अंतिम दो दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। 29 दिसंबर से उत्तर भारत में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिससे मौसम के बदलने के आसार हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में हिमपात और बारिश के आसार हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी वर्षा हो सकती है, जबकि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात एवं राजस्थान के कई हिस्सों में 30 दिसंबर से दो जनवरी के बीच बारिश हो सकती है। इस दौरान कुछ जगहों पर तेज वर्षा भी हो सकती है। जनवरी के महीने में जैसे ही मौसम साफ होगा, तापमान में भारी गिरावट आएगी और सर्दी बढ़ जाएगी। इससे नये वर्ष की पूर्व संध्या का जश्न कड़ाके की सर्दी में मनाया जाएगा।
हरियाणा और पंजाब में घना कोहरा
उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के दूसरे दौर के सक्रिय होने से पहले कोहरे का दायरा बढ़ सकता है। अभी हरियाणा-पंजाब से लेकर एमपी तक घना कोहरा देखा जा रहा है। इसके घनत्व में वृद्धि तय है। मौसम विभाग (IMD) ने अगले 5 दिनों की चेतावनी जारी किया है, जिसमें पंजाब-हरियाणा के लिए रेड अलर्ट है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड एवं ओडिशा में कुछ हिस्सों में भी कोहरा जारी रहेगा।
मौसम में हुआ बदलाव
उत्तर भारत के मौसम में सप्ताह भर पहले पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते बड़ा बदलाव देखा गया था। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों समेत समेत कई राज्यों में वर्षा हुई। इसके बाद मौसम के साफ होते ही कोहरे का कहर शुरू हो गया और पारा भी गिरने लगा।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ
पश्चिमी विक्षोभ एक तरह की चक्रवाती हवा है, जो भूमध्य सागर से निकलकर पूर्व की ओर बढ़ती है। इससे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी और पश्चिमी भागों में बारिश और हिमपात होता है। बारिश के इस दौर से एक बड़े क्षेत्र के जल संसाधनों की भरपाई होती है।