ED को आरोपी शाहजहां शेख के देश छोड़कर भागने की आशंका, लुकआउट सकुर्लर जारी
कोलकाता, BNM News: संदेशखाली का आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख शायद बांग्लादेश भाग गया है। तृणमूल नेता की तलाश में जुटी ईडी को यह आशंका है। ईडी के एक सूत्र के मुताबिक, राशन घोटाले में शाहजहां का पता लगाने के लिए आइबी और बीएसएफ की मदद ली जा रही है। यह भी पता चला है कि तृणमूल नेता को पकड़ने के लिए बीएसएफ को उत्तर 24 परगना के सीमावर्ती इलाकों में सतर्क रहने को कहा गया है। वहीं शाहजहां और उनके पूरे परिवार के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है।
ईडी के अधिकारियों को घेरकर पीटा गया
एयर पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को तृणमूल नेता की फोटो, पासपोर्ट नंबर समेत अन्य जानकारी भेज दी गई है। राशन भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए ईडी की पांच सदस्यीय टीम शुक्रवार को तृणमूल नेता के घर पहुंची थी,लेकिन इससे पहले कि ईडी के अधिकारी सरबरिया गांव स्थित शाहजहां के घर पहुंचते, ग्रामीणों ने उसे घेर लिया। इसके अलावा ईडी के अधिकारी तृणमूल नेता के घर के सामने गए और उन्हें बुलाया। जब अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उन्होंने दरवाजा तोड़ने की कोशिश की। आरोप है कि उस वक्त उन्हें घेरकर पीटा गया। केंद्रीय बलों को भी हटा दिया गया। इसके बाद शाहजहां के अनुयायियों ने ईडी अधिकारियों का पीछा किया और उन्हें क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर किया। कार में तोड़फोड़ की। उस वक्त ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए। फिलहाल साल्टलेक के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। दूसरी ओर, एक स्थानीय सूत्र के अनुसार, शाहजहां मोटरसाइकिल पर भाग निकला।
राज्य प्रशासन और ईडी के बीच बातचीत शुरू
संदेशखलीकांड को लेकर राज्य की राजनीति में हंगामा मचा है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने घटना की निंदा की। कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने शुक्रवार रात अस्पताल में घायल ईडी अधिकारियों से मुलाकात के दौरान संदेशखाली की घटना को अवांछित और शर्मनाक करार दिया था। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि तृणमूल नेता शुक्रवार को 12 बजे से पहले ईडी के कार्यालय में उपस्थित हों, क्योंकि उनकी वजह इतनी बड़ी घटना घटी है। लेकिन शनिवार शाम तक संदेशखाली का शाहजहां गायब रहा। इस बीच, राज्य की सत्ताधारी पार्टी की ओर से उनके प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि उन्होंने सुना है कि केंद्रीय एजेंसी ने राज्य से कहा है कि शाहजहां को 48 घंटे के भीतर ईडी को सौंप दिया जाना चाहिए? इस संबंध में राज्य प्रशासन और ईडी के बीच बातचीत शुरू हो गई है। हालांकि, ईडी सूत्रों ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
बंगाल में ‘काका बाबू’, ‘खोका बाबू’, शाहजहां और ‘नूरजहां’ की कोई कमी नहीं
उधर, मुर्शिदाबाद में पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये स्पष्ट है कि सत्तारूढ़ पार्टी की मदद पीछे से है ये इनको पीछे से मदद देती है तभी बंगाल में ‘काका बाबू’, ‘खोका बाबू’, शाहजहां और ‘नूरजहां’ की कोई कमी नहीं है। अगर बीजेपी में हिम्मत है तो उन्हें कुछ करके दिखाना चाहिए। वे मणिपुर में कुछ कर नहीं पाए। तो बंगाल में कैसे करेंगे? हम कम से कम अशांत क्षेत्र में राष्ट्रपति शासन चाहते हैं। लेकिन उनमें हिम्मत नहीं है, वे सिर्फ बड़े-बड़े दावे करते हैं। शायद मोदी जी और दीदी के बीच गहरा संबंध है इसलिए ऐसा नहीं हो पा रहा।