कैथल में गेहूं का उठान ठप:4 लाख क्विंटल आवक, खरीद सिर्फ 9 हजार, आढ़तियों ने सड़कों पर डाली फसल

नरेन्द्र सहारण, कैथल। Kaithal News: हरियाणा के कैथल जिले में गेहूं की बढ़ती आवक ने मंडियों में स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। अब तक चार लाख क्विंटल से अधिक गेहूं मंडियों में पहुंच चुका है, लेकिन इसका उठान बेहद कम मात्र नौ हजार क्विंटल ही हुआ है। इस असमानता के कारण मंडियां गेहूं के ढेरों से भरी पड़ी हैं, जो कि किसानों और आढ़तियों के लिए समस्या पैदा कर रही है।
किसानों का सामना
मंडी में फसल की अधिक आवक के चलते किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जगह की कमी के कारण कई आढ़ती फसल को मंडी की सड़कों पर डाल रहे हैं। इससे न केवल मंडियों में आने वाले किसानों को आवाजाही में कठिनाई हो रही है, बल्कि उन्हें सड़कों पर चलकर मंडियों तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति उन किसानों के लिए दर्दनाक है जो अपनी मेहनत की फसल को मंडी में बेचने आते हैं।
मार्केट कमेटी की भूमिका
कैथल की मार्केट कमेटी इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। सड़कों पर फसल डालने वाले आढ़तियों पर मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने सख्त नजर रखी है। हाल ही में अधिकारियों ने ऐसे सात आढ़तियों को नोटिस जारी किए हैं जो मनाही के बावजूद सड़कों पर फसल डालते पाए गए। नोटिस में उन्हें चेतावनी दी गई है कि वे सड़कों पर फसल डालकर रास्ता अवरुद्ध न करें। इसमें यह भी बताया गया है कि अगर उन्होंने ऐसा दोबारा किया तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे।
उठान की समस्याएं
कैथल में फूड एंड सप्लाई, हरियाणा वेयरहाउस और हैफेड तीन प्रमुख एजेंसियाँ हैं जो गेहूं की खरीद कर रही हैं। लेकिन उठान में हो रही देरी का मुख्य कारण ट्रांसपोर्ट की कमी है। अधिकारियों का यह मानना है कि गेहूं की खरीद शुरू होने से अब तक ट्रांसपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। हाल ही में हुई बारिश ने भी स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है, क्योंकि बारिश के कारण फसल भीग गई और उसकी नमी की मात्रा भी बढ़ गई।
मौसम की चुनौतियाँ
मौसम की भी अनदेखी नहीं की जा सकती। पिछले दिनों आई बारिश ने पश्चिमी हरियाणा में किसानों के लिए समस्याएँ बढ़ा दी हैं। फसल भीग जाने के परिणामस्वरूप नमी का स्तर भी बढ़ जाता है, जिससे उसकी गुणवत्ता में गिरावट आती है। इस कारण, मंडियों में उठान की प्रक्रिया में और भी रुकावट देखने को मिल रही है।
अधिकारी का बयान
मार्केट कमेटी के सचिव नरेंद्र कुमार ढुल ने बताया कि “मंडियों में गेहूं की आवक जारी है। जो आढ़ती नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।” उन्होंने आढ़तियों से अपील की है कि वे सड़कों पर फसल न डालें। अगर ऐसा किया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों का दृष्टिकोण
किसान इस समस्या के लिए चिंतित हैं, क्योंकि वे अपनी फसलों को सही मूल्य पर बेचना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि सरकार और संबंधित प्राधिकरण इस समस्या का समाधान करें ताकि उन्हें अपनी मेहनत की फसल का उचित मूल्य मिल सके।
इसके साथ ही, किसानों का यह भी कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं होती है कि उठान की प्रक्रिया कब सुचारू होगी। ऐसे में वे अपनी फसलें बर्बाद करने के डर से मंडियों में आते हैं, लेकिन उन्हें अपने गेहूं को रखने की उचित जगह नहीं मिल रही है।
संभावित समाधान
हालांकि, मार्केट कमेटी और कृषि विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं ताकि जल्द ही उठान की प्रक्रिया शुरू की जा सके। अधिकारियों का दावा है कि उठान सुचारू रूप से शुरू होगा, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाए और आढ़तियों के द्वारा नियमों का पालन किया जाए।
जो आढ़ती नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त उपाय भी किए जाएंगे। इस कदम से न केवल मंडियों में जगह बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि किसानों को भी अपने गेहूं को सही तरीके से बेचनें में सुविधा होगी।
भविष्य की ओर देखते हुए
कैथल की मंडियों में गेहूं की बढ़ती आवक और उठान की समस्याएँ एक गंभीर चिंतन का विषय बनी हुई हैं। यह आवश्यक है कि सभी पक्ष किसान, आढ़ती, और सरकारी एजेंसियाँ मिलकर इस समस्या का समाधान खोजें। केवल एकजुट होकर ही वे इस संकट से निपट सकते हैं और किसानों के हित में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
समय रहते यदि उठान की प्रक्रिया सुचारू होती है, तो न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि मंडियों का भी व्यवस्थित होना संभव हो सकेगा। इससे कैथल जिले की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान होगी।
कुल मिलाकर, यह स्थिति किसानों के लिए चिंता और समस्याओं का एक जाल बनी हुई है, जिसे सुलझाने के लिए सभी के प्रयासों की आवश्यकता है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह स्थिति बेहतर होगी और गेहूं की खरीदारी में सुचारुता लाई जा सकेगी।