ममता बनर्जी ने अधीर रंजन के गढ़ से क्रिकेटर यूसुफ पठान को क्यों उतारा, जानें- कांग्रेस नेता ने क्या कहा

कोलकाता, BNM News: तृणमूल कांग्रेस (All India Tinamool Congress)ने आज पश्चिम बंगाल में लोकसभा (Lok Sabha) उम्मीदवारों की जो सूची जारी की है, उसमें यूसुफ पठान (Yusuf Pathan)का नाम भी है। उन्हें बहरमपुर सीट से टिकट दिया गया है। ये सीट लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का गढ़ मानी जाती है। हालांकि कांग्रेस (Indian National Congress) ने अभी इस सीट से अधीर रंजन की उम्मीदवारी का एलान नहीं किया लेकिन माना जा रहा है उन्हें इस सीट से फिर एक बार उतारा जा सकता है। ममता बनर्जी (Mamata Benarjee) ने राज्य की सभी 42 सीटों से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार उतार कर ये साफ कर दिया है पश्चिम बंगाल (West Bengal)में कांग्रेस से उसका कोई तालमेल नहीं होगा।

बंगाल में क्यों टूटा गठबंधन

विपक्षी दलों के गठबंधन आइएनडीआइए में कांग्रेस और तृणमूल दोनों शामिल हैं। माना जा रहा था कि दोनों दल मिलकर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेंगे।लेकिन दोनों दलों के बीच सीटों का तालमेल नहीं हो पाया है, जबकि अगले सप्ताह लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है। कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में कांग्रेस को दो से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं थी. जबकि कांग्रेस पांच सीटें मांग रही थी। कांग्रेस को उम्मीद थी कि तृणमूल दो से ज्यादा सीटों पर मान जाएगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश तो आखिरी वक्त तक ये कहते रहे कि सीटों के बंटवारे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत का रास्ता अभी भी खुला हुआ है।

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क्यों बनाया युसूफ पठान को उम्मीदवार

बहरमपुर लोकसभा सीट, मुर्शिदाबाद जिले में पड़ती है। ये मुस्लिम बहुल सीट है। यहां लगभग 52 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी 1999 से ही यहां से लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी और ममता बनर्जी में छत्तीस का आंकड़ा है। माना जाता कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने के लिए अधीर रंजन ही जिम्मेदार हैं। हाल में अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के  खिलाफ कई भड़काऊ बयान भी दिए थे। वो राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। माना जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी को हरवाने के लिए ममता ने यूसुफ पठान पर दांव लगाया है। यूसुफ पठान गुजरात के रहने वाले हैं। उन्होंने लंबे समय तक भारत की राष्ट्रीय टीम के लिए खेला है। वो आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेल चुके हैं। उनके भाई इरफान पठान भी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी हैं।

यूसुफ की उम्मीदवारी पर क्या बोले अधीर रंजन

अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के इस फैसले पर सवाल खड़े किए और बाहरी का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि अगर टीएमसी यूसुफ पठान को सम्मानित करना चाहती थी तो उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाकर भेजती। उसमें भी बाहर के लोगों को राज्यसभा का सांसद बनाया गया था। अगर ममता बनर्जी की यूसुफ पठान के बारे में अच्छी सोच होती तो गुजरात में गठबंधन से एक सीट की मांग कर लेतीं। लेकिन उन्हें यहां इसलिए भेजा गया कि आम लोगों में ध्रुवीकरण हो, भाजपा को मदद मिले और कांग्रेस पार्टी हारे। उन्होंने ममता बनर्जी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो खुद इंडिया गठबंधन की एक प्रवक्ता के रूप में कुछ दिन पहले तक जानी जाती थीं।

मनोज तिवारी की अहम भूमिका

सूत्रों से खबर है कि यूसूफ को तृणमूल में लाने में पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी की अहम भूमिका रही है, जो वर्तमान में पार्टी विधायक व बंगाल के खेल राज्य मंत्री हैं। यूसुफ के साथ मनोज के काफी अच्छे संबंध हैं। दोनों ने आइपीएल की टीम कोलकाता नाइटराइडर्स (केकेआर) के लिए काफी समय साथ खेला है और आइपीएल ट्राफी जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे हैं। मनोज से संपर्क करने पर उन्होंने परोक्ष तौर पर इसे स्वीकार करते हुए यूसुफ के समर्थन में बहरमपुर जाकर प्रचार करने की भी बात कही। इसी तरह तृणमूल के राज्यसभा सदस्य व राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले का भी योगदान बताया जा रहा है। यूसुफ गुजरात के वड़ोदरा से हैं। साकेत भी गुजरात से ताल्लुक रखते हैं।

बंगाल में बेहद लोकप्रिय हैं यूसुफ

यूसुफ को टिकट देने का एक अन्य प्रमुख कारण बंगाल में उनकी अपार लोकप्रियता भी है। केकेआर के लिए खेलने के कारण यूसुफ राज्य में जाना-पहचाना चेहरा हैं। बंगाल में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय है। अधीर के जिले में तो मुर्शिदाबाद प्रीमियर लीग का आयोजन होता है। यूसुफ ने भारत के लिए 57 वनडे व 22 टी-20 मैच खेले हैं। उनकी गिनती क्रिकेट के ‘हार्ड हिटर्सÓ में होती है। उन्होंने 2021 में क्रिकेट से संन्यास लिया था।

इरफान पठान ने लिखा भावनात्मक संदेश

यूसुफ के राजनीति में कदम रखने पर छोटे भाई व पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने भावनात्मक संदेश लिखते हुए कहा-‘आपके धैर्य, दयालुता, जरूरतमंदों की मदद और बिना किसी आधिकारिक पद के भी लोगों की सेवा को आसानी से देखा जा सकता है। मुझे विश्वास है कि एक बार जब आप राजनीतिक भूमिका में कदम रखेंगे, तो वास्तव में लोगों के दैनिक जीवन में बदलाव लाएंगे।Ó

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