योगी आदित्यनाथ बोले, संविधान की मूल प्रति में नहीं है पंथ निरपेक्ष और समाजवाद शब्द

प्रयागराज : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षा समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में संविधान, समाजवाद, और शिक्षा के महत्व पर विचार प्रकट किए। उन्होंने समारोह के दौरान मेधावी छात्रों को सम्मानित किया और छात्रों से महाकुंभ जैसे विषयों पर शोध कार्य करने का आह्वान किया।

संविधान में संशोधन पर मुख्यमंत्री का वक्तव्य

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान के संदर्भ में कहा कि संविधान की मूल प्रति में “पंथनिरपेक्ष” और “समाजवाद” जैसे शब्दों का उल्लेख नहीं था। उन्होंने दावा किया कि ये शब्द उस समय संविधान में जोड़े गए, जब देश में संसद भंग थी और न्यायपालिका के अधिकारों को सीमित कर दिया गया था। उन्होंने उन लोगों पर निशाना साधा जिन्होंने संविधान में संशोधन किया और अब संविधान की रक्षा के लिए खुद को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

योगी ने कहा, “जिन लोगों ने संविधान से छेड़छाड़ की, वे आज लोकतंत्र को खतरे में बता रहे हैं। ऐसे लोगों का समाज कब मूल्यांकन करेगा?” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि “पंथनिरपेक्ष” शब्द को बदलकर “धर्मनिरपेक्ष” कर दिया गया, जिससे संविधान की मूल भावना को कमजोर किया गया।

समाजवाद और परिवारवाद पर तीखी टिप्पणी

 

मुख्यमंत्री ने समाजवाद की वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समाजवाद के नाम पर केवल परिवारवाद और चाटुकारिता देखने को मिल रही है, जबकि सच्चा समाजवाद कहीं पीछे छूट गया है। उन्होंने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया और समाज के हर वर्ग से इस पर विचार करने का आग्रह किया।

छात्र संघ चुनाव और महाकुंभ पर शोध की अपील

योगी आदित्यनाथ ने छात्रों से शोध कार्यों में रुचि लेने का आह्वान किया और विशेष रूप से महाकुंभ जैसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजनों पर शोध करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है और इस पर शोध कार्य भारत की परंपराओं को बेहतर तरीके से समझने और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री ने छात्रों के राजनीतिक जीवन में भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि छात्र संघ चुनाव लड़ने की एक समय सीमा तय की जानी चाहिए, ताकि छात्र राजनीति में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो और इसे सही दिशा में ले जाया जा सके।

मेधावी छात्रों को मिला सम्मान

दीक्षा समारोह में मुख्यमंत्री ने सात छात्राओं सहित आठ मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। उन्होंने विद्यार्थियों की उपलब्धियों की सराहना की और इसे प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया।

सम्मानित छात्रों की सूची

हिंदी विभाग:
आंचल त्रिपाठी को सर्वाधिक छह स्वर्ण पदक मिले।

इकोनॉमिक्स:
हर्ष वर्धन बाजपेई को चार पदक (तीन स्वर्ण और एक रजत)।

बी.कॉम

 

शुभम कुमार यादव को तीन पदक।
अन्य सम्मानित छात्राएं:
परास्नातक पाठ्यक्रम:

एमए संस्कृत: दीक्षा पांडे।
एमएससी रसायन विज्ञान: रिया तिवारी।
एमकॉम: रिया वर्मा।
विधि: नेहा उत्तम।

स्नातक पाठ्यक्रम

 

बीए (संस्कृत और हिंदी): आंचल त्रिपाठी।
बीएससी (वनस्पति विज्ञान और रसायन विज्ञान): मणि रश्मि।
बीकॉम: शुभम कुमार यादव।
बीएएलएलबी: रितिका सिंह।

कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि

 

समारोह में प्रख्यात कवि कुमार विश्वास को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह विश्वविद्यालय और साहित्य जगत के लिए गर्व का विषय रहा।

शिक्षा और संस्कार पर मुख्यमंत्री का संदेश

 

मुख्यमंत्री ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्तित्व विकास और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का साधन है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और देश के उत्थान के लिए करें।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का 136वां दीक्षा समारोह केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह भारतीय संविधान, समाजवाद और शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा का मंच भी बना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचारों ने छात्रों और समाज को जागरूक करने का प्रयास किया। समारोह में मेधावी छात्रों का सम्मान और कुमार विश्वास को मानद उपाधि प्रदान करना इस आयोजन की मुख्य विशेषताएं रहीं।

 

 

VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

 

You may have missed