रूस में फंसे करनाल के युवक को युद्ध में फ्रंट लाइन पर किया तैनात, चिंतित परिजनों ने सरकार से लगाई गुहार

नरेन्द्र सहारण, करनाल : रूस की सेना ने यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में करनाल के सांभली गांव निवासी 19 वर्षीय हर्ष को फ्रंट लाइन पर तैनात किया है। वह ढाई महीने पहले टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने गया था, लेकिन एजेंट ने हर्ष के साथ ही पंजाब के छह युवकों को भी फंसा दिया। सभी को बंदूक थमाकर फ्रंट लाइन पर तैनात कर दिया गया है। मोबाइल मिलने पर सभी ने वीडियो बनाया और उन्हें यहां से निकालने की गुहार लगाई है। करनाल निवासी युवक के स्वजन ने जिला प्रशासन, प्रदेश सरकार और रूस की राजधानी मास्को स्थित इंडियन एंबेसी से उनके बेटे को स्वदेश लाने की अपील की है। बेटे के फ्रंट लाइन पर तैनात होने के कारण परिवार चिंतित है।

टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने गया

गांव सांभली निवासी सुरेश कुमार किरयाना की दुकान चलाते हैं। उनकी पत्नी सुमन देवी गृहिणी हैं। बड़े बेटे साहिल सरोहा ने बताया कि छोटा भाई हर्ष सरोहा ढाई महीने पहले टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने गया। उसके साथ पंजाब के भी छह युवक हैं। कुछ समय रूस में घूमने के बाद एजेंट ने कहा कि उन्हें बेलारूस घुमाएगा। उन्हें नहीं पता था कि बेलारूस के लिए अलग से वीजा लेना होता है। साहिल ने बताया कि बेलारूस पहुंचने के बाद एजेंट ने पूरी कहानी बताई और रुपयों की मांग की।

सभी को रूसी पुलिस ने हिरासत में ले लिया

सभी युवकों के पास जितने रुपये थे, उन्होंने एजेंट को दे दिये। इसके बाद भी एजेंट नहीं माना और उन्हें हाईवे पर छोड़कर चला गया। इसके बाद सभी को रूसी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। दस दिन बाद सभी से कहा गया कि उन्हें दस वर्ष की जेल होगी। इससे बचने के लिए उन्हें रूसी सेना में सहायक के पद पर भर्ती होने का आफर दिया गया। कहा गया कि इसके लिये उन्हें वेतन दिया जाएगा और वे एक वर्ष बाद अपने घर जा सकते हैं।

ट्रेनिंग के बाद कर दिया फ्रंट लाइन पर तैनात

साहिल ने बताया कि उनके भाई समेत सभी युवकों को करीब 12 दिनों की बंदूक आदि चलाने की ट्रेनिंग दी गई। उनके मोबाइल पहले से ही छीन लिये गए थे। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें खाना भी ढंग से नसीब नहीं हुआ। ट्रेनिंग पूरी हुई तो उन्हें गन और वर्दी देकर फ्रंट लाइन पर भेज दिया गया। अब वे सभी यूक्रेन सीमा में हैं। सभी बंकरों में समय बिता रहे हैं। ऐसे में स्वजन को दोबारा से युद्ध तेज होने पर अपने जिगर के टुकड़ों की चिंता सता रही है।

फोन पर रोता बेटा, निकालने के लिए कहता है

मां सुमन देवी ने बताया कि ढाई महीने में हर्ष उनसे रोजाना बात कर लेता था,लेकिन रूसी पुलिस ने पकड़ा तो उसका मोबाइल छीन लिया गया। इस दौरान करीब एक सप्ताह बात नहीं हुई। इसके बाद बात हुई तो हर्ष ने पूरी बात बताई। मां ने बताया कि बेटा फोन पर रोता है। कहता है कि उसे यहां से निकाल लो बस…। हर्ष से बुधवार रात साढ़े आठ बजे बात हुई थी।

मास्को स्थित इंडियन एंबेसी से हुई बात

साहिल ने बताया कि अपने छोटे भाई को भारत लाने के संबंध में जिला प्रशासन, प्रदेश सरकार के बाद अब रूस की राजधानी स्थित इंडियन एंबेसी से गुहार लगाई है। साहिल ने बताया कि इंडियन एंबेसी ने उन्हें हर्ष समेत सभी भारतीयों को सही सलामत निकालने का भरोसा दिया है।

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