दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसान- प्रशासन आमने सामने

नरेन्द्र सहारण, कलायत । Kalayat News: कैथल जिले के गांव खरक पांडवा मे जम्मू कटरा प्रोजेक्ट निर्माण पर मुआवजे को लेकर ग्रामीण और प्रशासन आमने-सामने हो गए हैं। चार साल से आज तक ग्रामीणों के खाते में मुआवजे की राशि नहीं दी गई है, जिससे रोष में आकर ग्रामीणों ने प्रोजेक्ट का काम रुकवा दिया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने प्रशासनिक अमला बुलाकर किसानों से बातचीत की, परंतु कैमरे के सामने बात करने से मना कर दिया।भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे की रफ्तार पंजाब में बेहद धीमी है। हरियाणा में जहां एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा भी शुरू हो गया है, वहीं पंजाब में अभी तक भूमि अधिग्रहण का काम भी पूरा नहीं हुआ है।

 

नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारी किनारा कर गये

 

किसान प्रवीन ने बताया मुआवजे को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारी बात करने से दूर भागते रहे और बस इतना कहकर ही निकल गए कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। किसान डीआरडीओ से बात करें वकील से बात करें, कोर्ट में जाएं,हमें राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क प्राधिकरण के तहत काम करना है,हमारा काम प्रोजेक्ट को पूरा करना है। हमें पैसे के लेनदेन से कोई मतलब नहीं है। मुआवजे की सही राशि न मिलने को लेकर बिगड़े किसानों ने कहा कि साथ लगते हुए जमीन का मुआवजा एक करोड़ 7 लाख था।आज सरकारी डायवर्सन रेट 3 करोड़ 20 लाख रुपए है।

जमीन का दाम आसमान पर, सरकार दे रही कौड़ियों का भाव

 

किसान अनूप ने कहा हमारी जमीन का मुआवजा केवल 35 लाख रुपए चार साल पहले देने की बात कही गई थी, जबकि यह किसानों की आवासीय जमीन है, जो खेतों के भाव से दुगने दामों की होनी चाहिए। मामला 2020 का है जो आज तक पैसे खाते में नहीं डाले गए हैं। इस वक्त मौके पर इस जमीन के आसपास का रेट 3 करोड़ 21 लाख है, जबकि इन्हें केवल 35 लाख रुपए के हिसाब से पैसे देने की बात हुई थी। इन लोगों ने कोर्ट में केस डाल रखा है।

तहसीलदार ने दोनों पक्षों को तहसील में बुलाया 

 

प्रशासनिक अम्ल के साथ पहुंचे कलायत के तहसीलदार दिनेश ढिल्लों ने दोनों पक्षों को तहसील में बुलाकर मामले को शांत करने के बात कही। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है, वहां से फैसला आते ही मुआवजे की रकम किसानों को मिलेगी इस प्रकार के मामलों में थोड़ा-बहुत समय लगता है परंतु न्याय सबको मिलता है।

बताया जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट कुल 39 हजार करोड़ का है। इसमें 21 पैकेज में निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसमें 14 फ्लाईओवर, 14 रेलवे ओवरब्रिज, 31 इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं। यह प्रोजेक्ट कुल 670 किलोमीटर लंबा है। ट्रैफिक एक्सपर्ट राहुल वर्मा का कहना है कि लुधियाना जिले में जमीन अधिग्रहण के कारण ही इस प्रोजेक्ट के काम में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से पंजाबियों को काफी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में जमीन अधिग्रहण समस्या है, लुधियाना हाईवे प्रोजेक्ट भी अधिग्रहण में दिक्कतों के कारण अटका हुआ है।

 

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