छत्रपति शिवाजी ने किए थे मुगल सम्राट औरंगजेब के दांत खट्टे, अब भारतीय सैनिकों को देंगे प्रेरणा
श्रीनगर। छत्रपति शिवाजी महाराज हमेशा भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। उन्होंने अपनी अदम्य बहादुरी और साहस मुगल सम्राट औरंगजेब के दांत खट्टे किए थे। उनकी गुरिल्ला और छापामार लड़ाई का आज भी लोहा माना जाता है। भारतीय सेना उनके पराक्रम से फिर प्रेरणा लेगी। नियंत्रण रेखा पर दुश्मन के हर दुस्साहस का मुहंतोड़ जवाब देने के लिए हरदम तैयार सैन्य जवानों को छत्रपति शिवाजी महाराज निरंतर प्रेरणा देंगे। जम्मू्-कश्मीर के कुपवाड़ा की लोलाब घाटी में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है और इसका अनावरण सात नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे करेंगे। एकनाथ शिंदे श्रीनगर पहुंचे हैं। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, साधु संत और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
प्रतिमा का मुंह गुलाम जम्मू कश्मीर की ओर होगा
इस मौके पर प्रतिमा की स्थापना से पूर्व सभी नदियों के जल से अनुष्ठान किया जाएगा। स्वयंसेवी संगठन आम्ही पुणेकर द्वारा तैयार करवाई गई इस प्रतिमा को 20 अक्टूबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैंस ने मुंबई से रवाना किया था। वाहन से सड़क रास्ते कश्मीर लाई गई इस प्रतिमा को सूरत, नई दिल्ली समेत कई शहरों में प्रदर्शित भी किया गया। नियंत्रण रेखा पर स्थापित इस प्रतिमा का मुंह गुलाम जम्मू कश्मीर की ओर होगा और यह हमें सदैव गुलाम कश्मीर की पाकिस्तान से आजादी के राष्ट्र के संकल्प की याद दिलाती रहेगी।
मराठा लाइट इन्फैंट्री के पास सुरक्षा का जिम्मा
उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे टीटवाल, टंगडार, केरन और मच्छल क्षेत्रों में मराठा लाइट इन्फैंट्री ही सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। मराठा रेजीमेंट ने जनवरी 2022 में नियंत्रण रेखा पर छत्रपति शिवाजी महाराज की दो प्रतिमाओं की स्थापना की थी। इनमें से एक प्रतिमा को समुद्र तल से 14800 फीट की ऊंचाई पर एलओसी के पास स्थापित किया गया है।
25 वर्ष तक खराब नहीं होगी
आम्ही पुणेकर के अध्यक्ष हेमंत जाधव ने बताया कि हम वहां संग्रहालय भी तैयार करेंगे। सेना ने हरसंभव सहयोग उपलब्ध कराने का यकीन दिलाया है। हेमंत ने कहा कि घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी की मूर्ति विशेषप्रकार के रसायन और फाइबर को मिलाकर तैयार की है। यह किसी मौसम की मार सह सकती है। 25 वर्ष तक खराब नहीं होगी।