महाकुंभ में 30 मौतों की पुष्टि, भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित, 25-25 लाख की सहायता
प्रयागराज,बीएनएम न्यूज : संगम की पावन धर्म धरा पर आयोजित महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर मंगलवार/बुधवार की रात हुई भगदड़ को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित कर न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। घटना की पुलिस जांच भी होगी। मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के स्वजन को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है। गठित आयोग में पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता व पूर्व आइएएस अधिकारी डीके सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं। आयोग एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
बैरिकेडिंग टूटने से दुखद हादसा
योगी ने कहा कि भारी भीड़ व बैरिकेडिंग टूटने से यह दुखद हादसा हुआ है। महाकुंभ मेला पुलिस ने बुधवार शाम 30 मौतों की पुष्टि की। दुर्घटना में घायल 60 श्रद्धालुओं में 36 का अस्पताल में उपचार चल रहा है, जबकि 24 स्नानार्थियों को उनके घर भेज दिया गया। मृतकों में 25 की पहचान हो गई है। मरने वालों में उत्तर प्रदेश के अलावा कर्नाटक के चार और उत्तराखंड, असम व गुजरात के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
योगी ने कहा कि घटना एक सबक भी है। कई बार समीक्षा व स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरते जाने के बाद भी ऐसे हादसे होते हैं और हुए हैं, सरकार ने इसकी तह तक जाने का निर्णय किया है। इसके दृष्टिगत ही आयोग गठित किया गया है। आने वाले स्नान पर्वों पर और कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को प्रयागराज जाएंगे। घटना के कारणों की पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट देंगे।
संगम तट पर हुए हादसे के बाद योगी ने बुधवार सुबह चार बजे ही मुख्य सचिव, डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरे दिन बैठकें चलती रहीं। मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम, मुख्य सचिव कंट्रोल रूम व डीजीपी मुख्यालय कंट्रोल रूम के माध्यम से मानिटरिंग भी की जाती रही। एक-एक घटना को लेकर प्रशासन, संतों व विभिन्न अखाड़ों से संवाद बनाए रखा गया।
संगम तट पर भारी भीड़ का दबाव
बुधवार शाम महाकुंभ के मीडिया सेंटर में मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के साथ पहुंचे डीआइजी महाकुंभ नगर वैभव कृष्ण ने सबसे पहले भगदड़ की वजह बताई। कहा कि मंगलवार आधी रात के करीब संगम तट पर भारी भीड़ का दबाव बन गया था। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर ब्रह्म मुहूर्त में पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बड़ी संख्या में लोग लेटे थे। उसी बीच अचानक भीड़ का अतिरिक्त दबाव बन गया, जिससे अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बनाए गए राजसी पथ की बैरिकेडिंग टूट गई और भीड़ आगे बढ़ते हुए स्नान करने की प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गई। इससे वहां भारी अफरा-तफरा मच गई। तट पर जो लोग प्रतीक्षा में लेटे थे, वे दबते गए। वहां मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने फौरन राहत कार्य शुरू करा दिया। लगभग 90 घायलों को एंबुलेंस से महाकुंभ मेला के केंद्रीय अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां 30 को मृत घोषित कर दिया गया। अज्ञात पांच शवों की पहचान की कोशिश की जा रही है।
ये हैं आयोग के सदस्य
न्यायमूर्ति हर्ष कुमार
न्यायमूर्ति हर्ष कुमार 29 मार्च, 2020 को प्रयागराज हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे। इन्होंने 1979 में विधि स्नातक किया। 1998 में उच्च न्यायिक सेवा में नियुक्ति हुई। 2008 में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। तीन फरवरी, 2014 को इन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। एक फरवरी, 2016 को उन्होंने स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
वीके गुप्ता
1982 बैच के आइपीएस अधिकारी वीके गुप्ता डीजी होमगार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह प्रयागराज में हुए बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहे शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराने वाली पुलिस टीम के विरुद्ध जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश राजीव लोचन मेहरोत्रा की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग का हिस्सा रह चुके हैं।
डीके सिंह
दिनेश कुमार सिंह (डीके सिंह) वर्ष 2005 बैच के अवकाश प्राप्त आइएएस अधिकारी हैं। चित्रकूट धाम के मंडलायुक्त पद से जुलाई 2022 में सेवानिवृत्त हुए डीके सिंह इससे पहले जौनपुर, बदायूं, मुजफ्फरनगर व सोनभद्र में जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं। पीसीएस से आइएएस बने सिंह का विभिन्न पदों पर लंबा प्रशासनिक अनुभव है।
इन बिंदुओं पर करेगा जांच आयोग
न्यायिक आयोग भगदड़ के कारणों के साथ ही उन परिस्थितियों की भी जांच करेगा, जो हादसे का कारण बनीं। भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके सुझाव भी देगा। राज्य सरकार को आयोग की जांच अवधि में परिवर्तन करने का अधिकार होगा।
वीआइपी को नहीं दिया गया प्रोटोकाल
डीआइजी महाकुंभ नगर ने बताया कि अमृत स्नान पर्व पर वीआइपी को प्रोटोकाल न देने के लिए प्रदेश सरकार के पहले से कड़े निर्देश थे, जिसके क्रम में किसी वीआइपी का प्रोटोकाल नहीं दिया गया। इस हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज किया है कि यह वीआइपी कल्चर की देन है।
किसी तरह की लापरवाही नहीं
डीआइजी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया था कि बैरिकेडिंग टूटी और श्रद्धालुओं पर भीड़ चढ़ती चली गई। घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने हर स्तर पर सक्रियता बरती। ग्रीन कारिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया गया।
हादसे की तह तक जाना जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का दबाव था। पड़ोस के जिलों मीरजापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर व कौशांबी में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुओं को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद आगे भेजा गया। रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। रेलवे ने भी इस दौरान नियमित व मेला स्पेशल मिलाकर 300 से अधिक ट्रेन चलाई हैं। उप्र परिवहन निगम ने भी 800 से अधिक बसें संचालित की हैं। यह घटना मर्माहत करने वाली है और एक सबक भी है। हादसे की तह में जाने की आवश्यकता है।
जारी किए गए आवश्यक फोन नंबर
– हेल्पलाइन नंबर -1920
– प्रयागराज मेला प्राधिकरण- 0532-2504011 0532-2500775
– महाकुंभ वाट्सएप चैटबाट – 08887847135
– महाकुंभ फायर हेल्पलाइन -1945
– महाकुंभ फूड एंड सप्लाई हेल्पलाइन- 1010
– महाकुंभ एंबुलेंस- 102 व 108
– महाकुंभ मेला पुलिस हेल्पलाइन 1944
– महाकुंभ डिजास्टर हेल्पलाइन 1077
यह भी पढ़ें- महाकुंभ-संगम तट पर भगदड़, कुछ के मरने की खबर: 50 एंबुलेंस मौके पर, NSG ने मोर्चा संभाला
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन