क्या लोकसभा चुनाव के लिए दांव है UCC, उत्तराखंड के सीएम धामी ने दिया जवाब

नई दिल्ली, BNM News: देश में समान नागरिक संहिता (UCC) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जैसे मुद्दों को लेकर छिड़ी बहस के बीच उत्तराखंड ने यूसीसी लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। राज्य सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा यूसीसी का मसौदा प्राप्त होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने प्रस्तावित कानून को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्नों को खारिज करते हुए दावा किया कि यह लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दांव नहीं, बल्कि वह 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से किए गए वादे को पूरा करने जा रहे हैं।

पूरा कर रहे 2022 का वादा

 

नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में पत्रकारों से बातचीत में सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आकांक्षा और निर्देश के आधार पर ही भाजपा ने 2022 में हुए उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि भाजपा की सरकार दोबारा बनने पर यूसीसी लागू किया जाएगा। इस वादे पर विश्वास जताते हुए जनता ने भाजपा को चुनाव, इसलिए राज्य सरकार ने सबसे पहले इस पर काम शुरू करते हुए सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की थी।

किसी वर्ग को निशाना बनाना नहीं है उद्देश्य

समिति ने मई, 2022 से इस पर काम शुरू किया और दो फरवरी, 2024 यानी शुक्रवार को ड्राफ्ट सरकार को सौंप दिया। चूंकि, संविधान ने राज्यों को इसे लागू करने का अधिकार दिया है, इसलिए इसे कानून का रूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस कानून से किसी जाति, धर्म या वर्ग के व्यक्ति को घबराने की जरूरत नहीं है। यह किसी को लक्ष्य बनाकर तैयार नहीं किया जा रहा है, बल्कि समान रूप से सभी वर्गों के लोगों के सशक्तीकरण के लिए है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि इस मसौदे के लिए राज्य के 2.33 लाख लोगों ने अपनी राय दी है। यह आबादी उत्तराखंड के कुल परिवारों का दस प्रतिशत है। यह बहुत बड़ा जनमत है। कांग्रेस द्वारा इसका विरोध किए जाने पर कहा कि जब अभी ड्राफ्ट किसी के पास पहुंचा ही नहीं है तो उनके क्या पता कि इसमें क्या है और क्या नहीं। धामी ने कहा कि वह चाहते हैं कि देश के सभी राज्यों में इसे लागू किया जाए।

 

 

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