यासीन मलिक की AIIMS में इलाज कराने की मांग का सरकार ने किया विरोध, जानें क्या कहा

नई दिल्ली, BNM News : आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने हृदय और गुर्दे की बीमारियों के लिए इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाने की मांग का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने कहा कि वीडियो कान्फ्रेंसिंग से एम्स के चिकित्सकों ने जब यासीन को डायग्नोस करने की कोशिश की तो उसने इन्कार कर दिया। वह शारीरिक रूप से अस्पताल जाना चाहता है। यासीन एक बेहद खतरनाक कैदी है और उसे इलाज जेल के अंदर ही मिलना चाहिए।
हाई कोर्ट में सुनवाई हुई
यासीन मलिक की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की पीठ ने केंद्र सरकार और जेल महानिदेशक (जेल) की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता को यह दिखाने के लिए रिकार्ड पेश करने को कहा कि यासीन इलाज से इन्कार कर रहा था। जेल अधीक्षक से अगली तारीख तक यासीन की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने के साथ ही उसको उचित इलाज सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
किसी निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर करने का निर्देश देने की मांग की
मां आतिका मलिक के माध्यम से दायर याचिका में यासीन ने दावा किया कि वह हृदय और किडनी की गंभीर समस्याओं से पीड़ित है। उसने एम्स या जम्मू-कश्मीर के किसी निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर करने का निर्देश देने की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि अगर आप किसी विशेष डाक्टर से इलाज कराना चाहते हैं तो इस पर आपत्ति है। मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने 24 मई, 2022 को यूएपीए और आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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