दुनिया की पहली चिकनगुनिया वैक्सीन को अमेरिका की मंजूरी

वाशिंगटन, एजेंसीः चिकनगुनिया से बचाव के लिए दुनिया के पहली वैक्सीन को अमेरिका ने मंजूरी दे दी है। फ्रांस की बायोटेक कंपनी वेलनेवा द्वारा निर्मित वैक्सीन को ‘इक्सचिक’ नाम दिया गया है। चिकनगुनिया वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है। पिछले 15 वर्षों में 50 लाख मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि होने के बाद यह बीमारी आज वैश्विक स्वास्थ्य खतरा बन गई है।
अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने वैक्सीन को मंजूरी देने की पुष्टि करते हुए कहा कि वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जा सकती है। इक्सचिक की एकल खुराक को इंजेक्शन के माध्यम से मांसपेशियों में दिया जा सकता है। वैक्सीन में चिकनगुनिया वायरस का जीवित कमजोर रूप होता है और वैक्सीन लेने के बाद व्यक्ति में चिकनगुनिया के रोगी के समान लक्षण पैदा हो सकते हैं। कंपनी ने उत्तरी अमेरिका के 3500 लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया है। वैक्सीन देने के बाद लोगों में सिरदर्द, थकान, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द, बुखार और मतली जैसे लक्षण देखे गए। एफडीए के सेंटर फार बायोलाजिक्स इवेल्यूशन एंड रिसर्च के निदेशक पीटर मार्क्स ने कहा कि चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण से घातक बीमारियों और लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। चिकनगुनिया वायरस नवजात शिशुओं के लिए भी घातक है।

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