Haryana Cooperative Department Scam: सहकारिता सचिवों के आदेश के बाद भी दो साल से आडिट नहीं करवा रहे थे रजिस्ट्रार, जानें किस-किस की भूमिका रही संदिग्ध

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़ : Haryana Cooperative Department Scam: हरियाणा के सहकारी विभाग की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आइसीडीपी) में गोलमाल के लिए समय-समय पर कार्यरत रहे रजिस्ट्रार काफी हद तक जिम्मेदार हैं। सहकारिता विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और संजीव कौशल के आदेश के बाद भी सहकारी समितियों के तत्कालीन रजिस्ट्रारों ने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना का आडिट नहीं कराया। इस योजना का यदि समय से आडिट हो गया होता तो इतना बड़ा गोलमाल नहीं होता। हालांकि सरकार का मानना है कि सहकारी विभाग का यह घोटाला 100 करोड़ का नहीं बल्कि 20 करोड़ के आसपास का है, लेकिन विपक्ष के हाथ मुद्दा लगने के बाद इसे 500 करोड़ रुपये तक के घोटाले के रूप में हवा दी जाने लगी है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रविवार को भी इस घोटाले में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ की।
घोटाले की जड़ में रेवाड़ी में कार्यरत रही तत्कालीन जीएम अनु कौशिक शामिल
सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने विभाग के मौजूदा अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू से पूरी रिपोर्ट तलब की और पूछा कि तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिवों द्वारा आडिट कराने के आदेश का अनुपालन करने के लिए कौन-कौन रजिस्ट्रार जिम्मेदार हैं, इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाए, ताकि उन पर विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जा सके। प्राथमिक तौर पर इस पूरे घोटाले की जड़ में रेवाड़ी में कार्यरत रही तत्कालीन जीएम अनु कौशिक शामिल हैं, जिन्होंने आगे कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए ठेकेदारों, प्राइवेट लोगों, बैंकर्स तथा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने गोलमाल में शामिल किया। विभाग को हालांकि अनु कौशिक की इस हरकत का समय रहते पता चल गया था, लेकिन दो साल तक भी आडिट नहीं होने के कारण भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ता चला गया, जिसे अब घोटाले के रूप में एंटी करप्शन ब्यूरो ने उजागर किया है।
सहकारिता विभाग की आइसीडीपी योजना के तहत गांवों में गोदाम निर्माण, मरम्मत, बाउंड्री वाल का निर्माण, पैक की बिल्डिंग का निर्माण और विभिन्न कार्यों के लिए लोन की व्यवस्था का प्रविधान शामिल है। इस योजना के क्रियान्वयन के जल्दी क्रियान्वयन के लिए विभाग ने हैफेड तथा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन को भी शामिल किया था, जिससे घोटाले की कड़ियां बढ़ती चली गई। पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर दिल्ली की कंपनी यूनिक प्यूपिल विजन इंडियन आर्गेनाइजेशन ने तैयार की थी। कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत और गुरुग्राम के लिए साल 2021 से 2025 तक डीपीआर तैयार की गई, जिसमें 31 दिसंबर 2022 तक इन छह जिलों के लिए विभाग की ओर से 139 करोड़ 25 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई।
सहकारिता विभाग ने बिना खर्च हुए 41.40 करोड़ वापस मंगवाए
सूत्रों के अनुसार सहकारिता विभाग की ओर से मंजूर की गई राशि में से 61.67 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न जिलों के लिए जारी हुई, जिसमें खर्च सिर्फ 20 करोड़ 87 लाख रुपये की राशि ही हो पाई। बाकी बचे 41 करोड़ 40 लाख रुपये बिना खर्च किए रह गए, जिसमें विभाग ने अपने पास वापस मंगवा लिया। हैफेड को साढ़े सात करोड़, हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन को 21.50 करोड़ रुपये खर्च के लिए मंजूर किए गए, मगर इन दोनों एजेंसियों ने भी 29 करोड़ रुपये की राशि खर्च नहीं की।
सहकारिता विभाग की अनु कौशिक पूरे घोटाले की जड़
हरियाणा के सरकारिता विभाग में सितंबर 2022 में सबसे पहले यह घोटाला पकड़ में आया, जबक रेवाड़ी में एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक गोपनीय शिकायत पर जांच आरंभ की थी। 13 मई 2023 को एफआइआर दर्ज करने के बाद 26 मई 2023 को एंटी करप्शन ब्यूरो ने रेवाड़ी की तत्कालीन एआरसीएस अनु कौशिक को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ डिप्टी सीए योगेंद्र अग्रवाल और सीनियर अकाउंटेंट सुमित को भी पकड़ा गया। तीनों को 29 मई 2023 को सरकार ने निलंबित कर दिया। सुमित को डिसमिस किया जा चुका है, जबकि दो को डिसमिस करने की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान राज्य सरकार ने साल 2023-24 के लिए इस योजना का कोई फंड जारी नहीं किया। साथ ही साल 2024-25 के लिए भी बजट को जारी करने पर रोक लगा दी गई। एक फरवरी 2024 को एंटी करप्शन ब्यूरो ने कैथल के जीएम कृष्ण बेनिवाल और जितेंद्र कौशिक के गिरफ्तार करने की सूचना दी। इन दोनों को सरकार के पास निलंबित करने की सिफारिश भेज दी गई है। सहकारिता विभाग के मौजूदा अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू का कहना है कि एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से जैसे-जैसे कार्रवाई रिपोर्ट हमारे पास आएगी, वैसे-वैसे उसके अनुपालन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिए जाएंगे।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन