निष्कासन के बाद कांग्रेस पर बरसे प्रमोद कृष्णम, कहा- क्या भगवान राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है?

संभल, BNM News: कांग्रेस से निष्कासित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने संभल पहुंच कर प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि मुझे कल रात कई न्यूज चैनलों के माध्यम से ये जानकारी मिली की कांग्रेस पार्टी ने एक चिट्ठी जारी की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित किया जाता है। सबसे पहले मैं कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे कांग्रेस से मुक्ति देने का फरमान जारी किया। केसी वेणुगोपाल या मल्लिकार्जुन खरगे ये बताएं कि ऐसी कौन सी गतिविधिया हैं जो पार्टी के विरोध में थीं, क्या भगवान राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है?…” आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार देर रात ने कहा, प्रमोद कृष्णम को अनुशासनहीनता व बार-बार पार्टी विरोधी बयानबाजी के कारण निष्कासित किया गया है।

क्या सनातन को मिटाने की बात करने वाले कांग्रेस में रहेंगे

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “…सवाल इस बात का है कि वो कांग्रेस जो महात्मा गांधी की कांग्रेस थी… आज उस कांग्रेस को किस रास्ते पर लाकर खड़ा किया गया है, क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो सनातन को मिटाने की बात करें? मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि ‘राम और राष्ट्र’ पर समझौता नहीं किया जा सकता है। निष्कासन बहुत छोटी चीज है।” उन्होंने आगे कहा कि 16-17 साल की उम्र में मैंने जो वचन राजीव गांधी को दिया था वो आज तक निभाया है और आज इस उम्र में एक संकल्प ले रहा हूं कि मैं आजीवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा रहूंगा।” मैं उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ा हुआ हूं। सबसे पहले रामराज्य का सपना महात्मा गांधी ने देखा था, तो जो सपना महात्मा गांधी ने देखा वो सपना मोदी जी पूरा कर रहे हैं। अगर नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं और देश के हित में अच्छा फैसला कर रहे हैं तो उसका समर्थन होना चाहिए…लेकिन कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत करने लगा है कि उन्होंने मोदी से नफरत करते-करते पूरे देश से नफरत करना शुरू कर दिया है, मोदी से नफरत करते-करते सनातन को मिटाने पर तुल गए हैं।”

किसके इशारे पर हो रहा है अपमान

 

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सचिन पायलट का बहुत अपमान हुआ है लेकिन वे भगवान शिव की तरह जहर पिये जा रहे हैं। उसी तरह प्रियंका गांधी की भी बहुत तौहीन हो रही है। देश की आज़ादी के बाद किसी भी पदाधिकारी के सामने ऐसा नहीं लिखा गया, जो प्रियंका गांधी के सामने लिखा गया। उनके आगे लिखा गया प्रियंका गांधी, ‘बिना किसी पोर्टफोलियो के महासचिव’। सवाल इस बात का है कि ये जो अपमान किया जा रहा है ये किसके इशारे पर हो रहा है?” आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा कई ऐसे फैसले लिए गए जिनसे मैं सहमत नहीं था, जैसे धारा 370 को निरस्त करने का विरोध करना। कांग्रेस को इसका विरोध नहीं करना चाहिए था। कांग्रेस को डीएमके नेताओं का समर्थन नहीं करना चाहिए था जब वे सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया से की।

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