Kisan Andolan 2024: हरियाणा के गृह सचिव का हाईकोर्ट में दी गई स्टेटस रिपोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Kisan Andolan 2024: हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने पंजाब के किसान संगठनों के दिल्ली कूच के मद्देनजर हाई कोर्ट में जो स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है, वह बेहद चौंकाने वाली है। हरियाणा सरकार ने आशंका जताते हुए कोर्ट को बताया कि उनके पास ऐसे इनपुट हैं कि हजारों की संख्या में आंदोलनकारी मोडिफाई ट्रैक्टर/ट्रालियों में हथियारों के साथ दिल्ली में डेरा डालने की व्यवस्था के साथ चल रहे हैं। यह इनपुट भी आ रहे हैं कि दिल्ली कूच के लिए निकले पंजाब के यह संगठन संसद का घिराव कर सकते हैं। राज्य ने यह भी दावा किया है कि किसान संगठनों का आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं है और पिछले अनुभव को देखते हुए यह आम नागरिकों के साथ-साथ संस्थानों को भी भारी नुकसान पहुंचाने वाला है।
2021में आंदोलनकारियों ने दिल्ली में हंगामा किया था
हरियाणा सरकार ने कोर्ट में यह भी कहा है कि पिछला किसान आंदोलन न केवल हिंसक था, बल्कि आंदोलनकारियों ने अपराध भी किए और 26 जनवरी 2021 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हंगामा किया, जब उन्होंने लाल किले पर से तिरंगा हटा दिया था। राज्य ने यह भी बताया कि पिछले आंदोलन के दौरान हरियाणा में अपराध करने के लिए आंदोलनकारियों के खिलाफ कुल 294 एफआइआर दर्ज की गईं, जिनमें से 185 मामलों में चालान पेश किया जा चुका है।
राज्य ने हत्या, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या के प्रयास और हथियार लेकर चलने के मामलों समेत कई जघन्य अपराधों का हवाला दिया है। राज्य ने दलील दी कि अगर आंदोलनकारियों को हरियाणा के क्षेत्र से गुजरकर दिल्ली जाने और डेरा डालने की अनुमति दी गई तो हरियाणा के लोगों को सबसे अधिक नुकसान होगा।
दिल्ली पुलिस ने भी हरियाणा पुलिस से आग्रह किया था
हाई कोर्ट को यह भी अवगत कराया गया कि दिल्ली पुलिस से एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें हरियाणा पुलिस से अनुरोध किया गया था कि प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा स्थिति में व्यवधान पैदा करने की आशंका है। ऐसे में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के इरादे से आने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान की जाए और उन्हें दिल्ली में प्रवेश की इजाजत न दी जाए।
औद्योगिक संगठन और ग्राम पंचायतें आंदोलन के हक में नहीं
राज्य ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि बहादुरगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ने बताया कि पिछले आंदोलन से उनके कारोबार को भारी नुकसान हुआ था। कई ग्राम पंचायतों ने जिला प्रशासन को लिखित में दिया कि वे किसी भी तरह से आंदोलन का समर्थन नहीं करेंगे। इसलिए ऐसे आंदोलनों से आम जनता को बहुत असुविधा होती है। इसलिए इस पर रोक जरूरी है।
हरियाणा के छह जिलों में विरोध प्रदर्शन के लिए स्थान चिन्हित
हरियाणा के गृह सचिव ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि प्रदेश के छह जिलों यमुनानगर, चरखी दादरी, कुरुक्षेत्र, झज्जर, पंचकूला और करनाल में पहले से ही कुछ स्थानों/क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है, जहां हरियाणा के प्रदर्शनकारी स्थानीय प्रशासन की अनुमति से शांतिपूर्ण आंदोलन कर सकते हैं।
पंजाब का जवाब: सीमाओं पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात
पंजाब के विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला द्वारा हाई कोर्ट के समक्ष दायर स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया कि आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस द्वारा पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। उन्होंने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि शंभू बार्डर पटियाला में एक डीआइजी, एक एसएसपी, चार एसपी, 10 डीएसपी और अन्य रैंकों सहित कुल 1760 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। खनौरी सीमा, जिला संगरूर पर कुल 1364 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तैनात हैं और जिला बठिंडा में हरियाणा पंजाब सीमा पर कुल 1068 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी तैनात हैं।
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