आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का निधन, पीएम मोदी ने कहा- ‘अपूरणीय क्षति’

रायपुर , BNM News: प्रसिद्ध जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने रविवार को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि तीर्थ में ‘सल्लेखना’ के बाद अंतिम सांस ली। तीर्थ के एक बयान में कहा गया है कि सल्लेखना एक जैन धार्मिक प्रथा है, जिसमें आध्यात्मिक शुद्धि के लिए स्वैच्छिक आमरण उपवास शामिल है। पीएम मोदी ने आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है।
आचार्य श्री ने आचार्य पद का त्याग करने के बाद 3 दिन का उपवास और मौन धारण कर लिया था, इसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। थोड़ी देर में उनका अंतिम संस्कार होगा। मध्यप्रदेश में सरकार के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द किए जा रहे हैं, साथ ही आधे दिन का राजकीय शोक रहेगा। छत्तीसगढ़ में भी सरकार ने आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा… pic.twitter.com/mvJJPbiiwM
— Narendra Modi (@narendramodi) February 18, 2024
पीएम मोदी ने बताया कि आचार्य विद्यासागर महाराज जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।