Kisan Andolan: केंद्र सरकार ने किसानों को फिर वार्ता के लिए बुलाया, शांति बनाए रखने की अपील
नई दिल्ली, BNM News : Kisan Andolan: न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलित किसानों के साथ केंद्र सरकार हर संभव वार्ता के लिए तैयार है। वह किसानों के हित में इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण समाधान चाहती है। अभी तक चार दौर की वार्ता के बावजूद आंदोलन पर अड़े किसानों को केंद्र ने पांचवे दौर की बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और साथ ही शांति बनाए रखने की भी अपील की है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि सरकार एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली एवं पिछले आंदोलन के दौरान किसानों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को हटाने जैसे मुद्दों पर बातचीत के लिए राजी है। अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ चौथे दौर की वार्ता विफल होने के दो दिन बाद हजारों किसानों ने बुधवार को अपना आंदोलन फिर से शुरू कर दिया।
शंभू और खनौरी बार्डर पर हालात तनावपूर्ण
कृषि मंत्री ने किसानों से यह अपील ऐसे वक्त की है, जब हरियाणा-पंजाब सीमा पर शंभू और खनौरी बार्डर पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। सरकार के आग्रह की अनदेखी करते हुए आंदोलित किसान जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर दिल्ली की ओर कूच के लिए प्रयासरत हैं। कृषि मंत्री ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और समाधान तलाशने के लिए बातचीत में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने किसानों से ही समाधान के लिए सुझाव मांगा है ताकि सर्वसम्मत रास्ता निकल सके।
5 फसलों के लिए एमएसपी पर खरीदारी की दी थी गारंटी
मुंडा ने कहा कि किसान पूरे देश में हैं। नीति बनाते समय पूरे देश के किसानों के हित को ध्यान में रखना जरूरी है। हम आने वाले दिनों में उनकी चिंताओं को दूर करने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों का समाधान बातचीत के जरिये निकाला जा सकता है। केंद्र सरकार ने सुलह की कोशिश करते हुए पिछले दौर की बातचीत में पांच फसलों की अगले पांच वर्षों के लिए एमएसपी पर खरीदारी की गारंटी देते हुए किसानों से आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया था। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसानों ने उस दिन तो सुलह का संकेत दिया था, लेकिन एक दिन बाद ही पलट गए। उसके बाद से ही पंजाब एवं हरियाणा सीमा पर माहौल लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर जमे हुए हैं किसान
किसानों का दिल्ली कूच 13 फरवरी को प्रारंभ हुआ था। तभी से किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर जमे हुए हैं। 18 फरवरी को किसान नेताओं के साथ चंडीगढ़ में चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल एवं नित्यानंद राय की टीम ने सरकारी एजेंसियों द्वारा अगले पांच वर्षों तक एमएसपी पर दाल, मक्का एवं कपास की सौ प्रतिशत खरीदारी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसान नेताओं ने इसे स्वीकार नहीं किया। दिल्ली चलो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के नेताओं ने 18 फरवरी को चौथे दौर की वार्ता विफल होने के बाद बुधवार को पंजाब और हरियाणा सीमाओं से अपना मार्च फिर से शुरू करने की धमकी दी है।